Thursday, 3 November 2022

NAASIR KAAZMII.. GHAZAL.. APNI DHUN MEN RAHTAA HUUN....

अपनी धुन में रहता हूँ
मैं भी तेरे जैसा हूँ

I stay my own way. 
I am like you, they say. 

ओ पिछली रुत के साथी
अब के बरस मैं तन्हा हूँ

O last weather mate. 
Am lonely this year, say. 

तेरी गली में सारा दिन
दुख के कंकर चुनता हूँ

I gather pebbles of pain. 
In your lane, whole day. 

मुझ से आँख मिलाए कौन
मैं तेरा आईना हूँ

Who will face in the eyes 
I am your mirror they say

मेरा दिया जलाए कौन
मैं तिरा ख़ाली कमरा हूँ

I am your empty room 
Who'll Kindle my way

तेरे सिवा मुझे पहने कौन
मैं तिरे तन का कपड़ा हूँ

I am your body cloth 
Wearing me, who may

तू जीवन की भरी गली
मैं जंगल का रस्ता हूँ

You are a lively lane. 
I am a jungle way. 

आती रुत मुझे रोएगी
जाती रुत का झोंका हूँ

Coming time will cry. 
I am going weather sway. 

अपनी लहर है अपना रोग
दरिया हूँ और प्यासा हूँ

My wave troubles me
Am river,on thirsty stay


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