Wednesday 19 June 2024

मुक्त षष्टपदी..... एक खिड़की से दिख रहा है सब......

एक खिड़की से दिख रहा है सब।
ऊँचे - ऊँचे मकान, घर, झुग्गी ।
स्वस्थ रहने के सारे साधन हैं। 
सामने टूटे काँच के हैं ढेर। 
रह रहे हैं जो लोग इन सब में। 
एक ही इनका सृजनकर्ता है? 

No comments:

Post a Comment