Sunday, 12 January 2025

माँ........ रवि मौन

           श्रीगणेशाय नमः

भक्ति भाव श्रीराम में, काहू सौं न दुराव।
ममता, स्नेह व सौम्यता, माँ के रहे स्वभाव।।

जब भी आती याद तो, जल भर आवें नैन।
मुझे प्रेम सुत सम मिला, यही असीमित चैन।।

विलय आत्मा का हुआ, परमात्मा में जाय। 
यादें बिखरी हैं यहाँ , केहि विधि नाहिं समाय।। 

रवि मौन...१२.१  २०२५   प्रातः  ४-०४


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