श्रीगणेशाय नमः
ममता, स्नेह व सौम्यता, माँ के रहे स्वभाव।।
जब भी आती याद तो, जल भर आवें नैन।
मुझे प्रेम सुत सम मिला, यही असीमित चैन।।
विलय आत्मा का हुआ, परमात्मा में जाय।
यादें बिखरी हैं यहाँ , केहि विधि नाहिं समाय।।
रवि मौन...१२.१ २०२५ प्रातः ४-०४
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