Wednesday 23 October 2024

FAIZ AHMAD FAIZ.. GHAZAL.. HAM KI THAHRE AJNABII ITNII MUDARATON KE BAAD....

हम कि ठहरे अजनबी इतनी मुदारातों के बा'द 
फिर बनेंगे आश्ना कितनी मुलाक़ातों के बा'द 

I remained stranger after hospitalities galore. 
Will become lover with some meetings more. 

कब नज़र में आएगी बे-दाग़ सब्ज़े की बहार 
ख़ून के धब्बे धुलेंगे कितनी बरसातों के बा'द 

When' ll eyes view spotless spring green? 
Blood stains 'll be washed by rains still more. 

थे बहुत बेदर्द लम्हे ख़त्म-ए-दर्द-ए-इश्क़ के 
थीं बहुत बे-मेहर सुब्हें मेहरबाँ रातों के बा'द 

Cruel were moments of love agony end. 
After kind nights, cruel morns' were in store. 

दिल तो चाहा पर शिकस्त-ए-दिल ने मोहलत ही न दी 
कुछ गिले शिकवे भी कर लेते मुनाजातों के बा'द 

Heart wanted but wasn't spared by broken heart. 
After prayer to Almighty, I could open lament door. 

उन से जो कहने गए थे 'फ़ैज़' जाँ सदक़े किए 
अन-कही ही रह गई वो बात सब बातों के बा'द

What I wanted to say offering life as alms, 'Faiz'! . 
It remained untold after lot of talks before. 


Friday 18 October 2024

GHAZAL.. SIMIN USMANI... ANAA KI JANG HAI AUR NAAM HAI MOHABBAT KA.....

अना की जंग है और खेल है महब्बत का
वफ़ा का लफ़्ज़ भी लगता है नाम तोहमत का

It's a battle of egos and love game
Word chaste also reads like shame. 

न ही अहसास रहा और न ही आस रही
ग़रज़ की टूट गया पल में भरम चाहत का 

Neither there's feeling nor a desire
shattered in a moment is desire frame

किस से रूठें और अब किसे मनाए कोई 
जहाँ आबाद था वो घर न रहा उल्फ़त का

Who to sulk with, whom to cajole 
home of love isn't there in name. 

सदाएं दे के भला क्यों उसे बुलाएं हम
जिन्हें न पास है अब कुछ भी अपनी ग़ैरत का 

Why to call him and why should I? 
One who lost self respect as claim. 

आईना टूट गया दिल का भरम क्या रखिए 
हमें है वास्ता अब ख़ुद ही अपनी इज़्ज़त का

Mirror is broken, why doubt heart? 
My own respect is now in the game

ख़ुदा से माँग ली है हमने बस रज़ा उसकी
भला सवाल क्या अब उस से उसकी रहमत का

I have asked for His sweet will ! 
Why should I now His grace claim?

चले हैं राह-ए-हक़ पे अपना अलम लेकर हम
हमें अब काम क्या इस जहां की दौलत का

I am marching on the route of truth. 
World wealth won't draw me in game. 


Tuesday 8 October 2024

जोश मलीहाबादी के मशहूर अश'आर

दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया
जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया 

The hurts of heart didn't allow a calm reign. 
When it blew cold, I remembered you again. 
  
हद है अपनी तरफ़ नहीं मैं भी 
और उन की तरफ़ ख़ुदाई है 

Even I  am not on my side. 
While world is on thy side. 
  
मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है 
उम्र का बेहतरीन हिस्सा है 

 The story where I simply weep. 
From life, it's best I could reap. 
 
मुझ को तो होश नहीं तुम को ख़बर हो शायद 
लोग कहते हैं कि तुम ने मुझे बर्बाद किया 

In senses, I wasn't there, 
Probably, you are aware. 
For my ruin, people claim 
Boldly mention your name. 
  
किसी का अहद-ए-जवानी में पारसा होना 
क़सम ख़ुदा की ये तौहीन है जवानी की 

To be pious in times of youth. 
By God! It's  disgrace to youth. 
  
तबस्सुम की सज़ा कितनी कड़ी है 
गुलों को खिल के मुरझाना पड़ा है 

The punishment for beauty is so hard. 
Flowers bloomed. Dwindled was reward
   
इंसान के लहू को पियो इज़्न-ए-आम है 
अंगूर की शराब का पीना हराम है 

Drink human blood, it's a permitted norm. 
Drinking grape wine is a sin, will do harm. 
  
वहाँ से है मिरी हिम्मत की इब्तिदा वल्लाह 
जो इंतिहा है तिरे सब्र आज़माने की 

My courage starts from here, how brave? 
That's your limit to test my patience
 O naive ! 

आड़े आया न कोई मुश्किल में 
मशवरे दे के हट गए अहबाब

In troubled times, none came to rescue 
Made suggestions 'n got out in a queue
  
काम है मेरा तग़य्युर नाम है मेरा शबाब 
मेरा ना'रा इंक़िलाब ओ इंक़िलाब ओ इंक़िलाब 

My work is change and youth is my name. 
Slogan of revolution in my all time game. 

सुबूत है ये मोहब्बत की सादा-लौही का 
जब उस ने वादा किया हम ने ए'तिबार किया 

 So simple is love, but proof is a must. 
She dangled a promise, I had the trust. 
  
इस दिल में तिरे हुस्न की वो जल्वागरी है 
जो देखे है कहता है कि शीशे में परी है 

So manifest is your splendor in my heart. 
Whoever views, says it's fairy in glass art. 

इस का रोना नहीं क्यूँ तुम ने किया दिल बर्बाद 
इस का ग़म है कि बहुत देर में बर्बाद किया 

I don't lament that you have ruined my heart. 
My grief is taking time to upset the cart. 
 
वो करें भी तो किन अल्फ़ाज़ में तेरा शिकवा 
जिन को तेरी निगह-ए-लुत्फ़ ने बर्बाद किया 

In which words can they express their lament? 
Who are ruined by your love-glance well meant
  
हम ऐसे अहल-ए-नज़र को सुबूत-ए-हक़ के लिए 
अगर रसूल न होते तो सुब्ह काफ़ी थी 

I was so far sighted that for proof of what was right . 
If Rasool wasn't there, morning was enough in sight.  
  
सोज़-ए-ग़म दे के मुझे उस ने ये इरशाद किया 
जा तुझे कशमकश-ए-दहर से आज़ाद किया 

Awarding me passion of grief, she gently said. 
Go ! You are relieved of the tumult 
world lead. 
  
अब तक न ख़बर थी मुझे उजड़े हुए घर की 
वो आए तो घर बे-सर-ओ-सामाँ नज़र आया 

I wasn't aware till now how ruined was my home. 
You came 'n I knew there was nothing at home. 

इतना मानूस हूँ फ़ितरत से कली जब चटकी 
झुक के मैं ने ये कहा मुझ से कुछ इरशाद किया? 

I am so intimate with nature, when the bud blushed . 
I bowed and asked, did you say to me so hushed. 

जितने गदा-नवाज़ थे कब के गुज़र चुके 
अब क्यूँ बिछाए बैठे हैं हम बोरिया न पूछ 

Those who donate to beggars, have gone since long. 
Don't ask me why my sack is still stretched along. 

नर्मी-ओ-आहिस्तगी से पाँव रखने की अदा
सीख लें शबनम के क़तरे आपकी रफ़्तार से 
 
 Gently and slowly placing feet on the ground. 
Let dew drops learn from your pace, spellbound. 

इक न इक ज़ुल्मत से जब वाबस्ता रहना है तो 'जोश' 
ज़िंदगी पर साया-ए-ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ क्यूँ न हो 

O 'Josh'! If, with a calamity I am to be
 in touch. 
Why not a shade of your dis-shevelled tress as such?