Wednesday, 9 December 2015

अभी यक़ीं है मुझे.... अज्ञात कवि

 अभी यक़ीं है मुझे अपनी पारसाई का।
अभी शराब रहे और दौरे जाम रहे।
Still I hold the belief tbe pious.
Let there be cups 'n wine in motion.
वो आदमी तो , फरिश्तों में हो गया शामिल। 
गुनाह जितने भी थे, सिर्फ मेरे नाम रहे ।
That man has joined the file of angels. 
All sins are mine, so runs the notion. 

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