आज तो युद्ध हो रह्यो भारी
आज पितामह बचन ले लियो शस्त्र धरैं बनवारी
ऐसो भीषण युद्ध कर्यो है पाण्डव सेना हारी
बिछ्यो तीर को जाल हर तरफ मार हो रही भारी
अर्जुन जब तीरां सै बिंधग्यो रुक नहीं सक्या मुरारी
कूद्या रथ सैं बढ़या भीष्म की ओर सुदर्शन धारी
धनुष छोड़ रह्यो हाथ जोड़, कह्यो हे नटवर असुरारी
अपनी आन तोड़ दी मेरो प्रण राख्यो गिरधारी !
आज तो युद्ध हो रह्यो भारी।
-रवि मौन
१-२-१९९०
आज पितामह बचन ले लियो शस्त्र धरैं बनवारी
ऐसो भीषण युद्ध कर्यो है पाण्डव सेना हारी
बिछ्यो तीर को जाल हर तरफ मार हो रही भारी
अर्जुन जब तीरां सै बिंधग्यो रुक नहीं सक्या मुरारी
कूद्या रथ सैं बढ़या भीष्म की ओर सुदर्शन धारी
धनुष छोड़ रह्यो हाथ जोड़, कह्यो हे नटवर असुरारी
अपनी आन तोड़ दी मेरो प्रण राख्यो गिरधारी !
आज तो युद्ध हो रह्यो भारी।
-रवि मौन
१-२-१९९०
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