Saturday, 25 June 2016

Ravimaun ki Madhushala - 12

रवि मौन की मधुशाला - १२  

दुःख से मुक्ति मिलेगी, ऐसा सोच उठाया था प्याला। 
और सांत्वना बन्धुजनों सी, दे देगी साक़ी बाला। 
आर्तनाद ही प्रणय-निवेदन में परिवर्तित होता है। 
उर के छालों से खींची है हाला तूने मधुशाला।। 

No comments:

Post a Comment