Sunday, 5 June 2016

Ravimaun ki Madhushala - 2

रवि मौन की मधुशाला - २  

मदिरालय में प्यासे हैं सब, मैं, मेरा आधा प्याला।
हाथ पकड़ने वाली साक़ी, डगमग पग पीने वाला।
मधु विक्रेता भी प्यासा है, हानि-लाभ के फेरे में।
प्यासी रहती नहीं कभी भी, केवल मेरी मधुशाला।   

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