रवि मौन की मधुशाला - १३
कल की चिंता क्यों करता है, कहती है साक़ी बाला।
या जो बीत गया है वह है, या जो है आने वाला।
मदिरालय में सभी आज का ही अभिनन्दन करते हैं।
इसीलिए तो नई नवेली दुल्हन लगती मधुशाला।।
कल की चिंता क्यों करता है, कहती है साक़ी बाला।
या जो बीत गया है वह है, या जो है आने वाला।
मदिरालय में सभी आज का ही अभिनन्दन करते हैं।
इसीलिए तो नई नवेली दुल्हन लगती मधुशाला।।
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