Thursday, 7 July 2016

Ravimaun ki Madhushala - 15

रवि मौन की मधुशाला - १५ 

भगवा वस्त्र पहनता है पर जपता है स्वर्णिम माला। 
पीता नित्य सोमरस, शिष्यों को वर्जित करता हाला। 
रात्रि बिताने चला वहाँ पर, जहां षोडशी कन्या थी। 
इससे तो अच्छा  होता यदि तू आ जाता मधुशाला।।    

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