Monday, 27 July 2020

BASHIR BADR... GHAZAL.. DIKHLA KE YAHEE MANZAR...

दिखला के यही मंज़र बादल चला जाता है।
पानी के मकानों पर कैसे लिखा जाता है। 
Showing this scene clouds turn quiet. 
On the waterhouses, how to clearly write. 
उस मोड़ पे हम दोनों कुछ देर बहुत रोए। 
जिस मोड़ से दुनिया को, इक रास्ता जाता है।
On that turn, both of us wept a lot. 
Where a route to the world, goes outright. 
दोनों से चलो पूछें, इसको कहीं देखा है। 
इक काफ़ला आता है, इक काफ़िला जाता है।
Let us enquire from both of these. 
A caravan comes, another goes out of sight. 
इक शम'अ जलाते हो, इक शम'अ बुझाते हो। 
ये चाँद उभरता है, दिल डूबता जाता है। 
You light one candle, blow out another. 
As moon appears, heart sinks outright. 
दुनिया में कहीं इनकी तालीम नहीं होती। 
दो चार किताबों को, घर में पढ़ा जाता है। 
Some books are not taught in schools. 
These are learnt at home, alright. 


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