Monday, 3 August 2020

BASHIR BADR..GHAZAL.. LOG TOOT JAATE HAIN....

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में ।
तुम तरस नहीं खाते बस्तियों जलाने में ।
Men get broke in making a home. 
Setting many on fire, no feelings foam. 
और जाम टूटेंगे इस शराबख़ाने में। 
मौसमों के आने में मौसमों के जाने में। 
Many cups 'll be broken in this tavern. 
The seasons change as dark clouds roam. 
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं। 
सदियाँ बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में। 
People call any throbbing stone, a heart. 
It takes centuries to make a heart or Rome. 
फ़ाख़्ता की मजबूरी ये भी कह नहीं सकती। 
कौन साँप रखता है उसके आशियाने में। 
The bird is helpless, can't even say. 
Who has sneaked a snake in her home. 
दूसरी कोई लड़की 'ज़िन्दगी में आएगी। 
कितनी देर लगती है , उसको भूल जाने में? 
Another dame' ll come to join his life.
Not long'll  memories be dusted off the chrome. 

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