Tuesday, 4 August 2020

KRISHNA BIHARI NOOR.. GHAZAL.. ZINDAGI SE BADI...

ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं।
और क्या जुर्म है, पता ही नहीं।

Life is punishment, at its most. As crime is unknown, purpose lost. 

इतने हिस्सों में बँट गया हूँ मैं ।
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं।

I am divided in so many parts. 
Nothing is left for me, almost. 

ज़िन्दगी! मौत तेरी मंज़िल है। 
दूसरा कोई रास्ता ही नहीं। 

Only death is your goal O life. 
No other way, at any cost. 

ज़िन्दगी! अब बता कहाँ जाएँ? 
ज़हर बाज़ार में मिला ही नहीं। 

Where to go? Just tell me O life. 
Poison isn't there in mart. I am lost. 

जिस के कारण फ़साद होते हैं। 
उस का कोई अता पता ही नहीं। 

One, who is root cause of riot. 
No one knows him. He is lost. 

सच घटे या बढ़े तो सच न रहे। 
झूठ की कोई इंतिहा ही नहीं। 

Minus or plus, changes the truth. 
There's no limit, lie isn't lost. 

धन के हाथों बिके हैं सब क़ानून। 
अब किसी जुर्म की सज़ा ही नहीं। 

Money has purchased all the laws. 
For any crime, punishment is lost. 

 चाहे सोने के फ़्रेम में जड़ दो। 
आईना झूठ बोलता ही नहीं। 

Even if set in a golden frame. 
Mirror tells no lie, at any cost. 

अपनी रचनाओं में वो ज़िन्दा है। 
'नूर' संसार से गया ही नहीं। 

In his couplets, he is alive. 
For the world, 'Noor' isn't lost. 


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