Wednesday, 30 September 2020

शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभम् सुरेशम्।

शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम् ।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम् ।
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं।
वंदे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ।

है आकार शांत, शय्या है इनकी नाग अनंत।
कमल नाभि से निकले, देवों के स्वामी भगवंत।
हैं आधार विश्व के, बादल पर बिखरा है रंग। 
हैं असीम आकाश से, शुभ हरि का हर अंग। 
पार न कोई पा सके, योगी करते ध्यान।
लक्ष्मीजी को प्रिय, आँखें हैं हरि की कमल समान।
करूँ वंदना विष्णु की, सब लोकों के स्वामी।
जन्म मरण का भय, हर लेते हैं ये अंतर्यामी।। 

Monday, 28 September 2020

COURTSHIP

Period of courtship, is no doubt, sweetest phase of human life.
Then comes the day, when you tie the knot, to be husband 'n wife.
Life there from, is a lovely song,  of being together with the kids.
Drawing from  nectar, of what you did, in that vibrant phase of life. 





कुछ दिन में तो तुम मेरे हो जाओगे ।
ये चाहत उस पाने से भी बेहतर है। .

बाल खिचड़ी हो गए तो क्या हुआ?
है मुरव्वत तो वही महबूब की। 
साथ बरसों का रहा है जाने जाँ। 
तुमने भी उल्फ़त निभाई, ख़ूब की ।

Saturday, 26 September 2020

रूमी व तम्स की रचनाओं का पद्यानुवाद... तीन

मित्र न शव पर आना, मुझ को कष्ट बहुत ही होगा।
हाथ बढ़ा कर, तेरे आँसू पोंछ न पाऊँगा मैं।

ऊपर वाले में दिखती है, अपनी ही परछाई। 
भय औ' निंदा मन में हैं, तो वैसा दे दिखलाई ।
अगर प्यार औ' करुणा हैं मन में, तो यही लगेगा ।
करुणामयी प्यार की सूरत ही देती दिखलाई।।

पथ केवल मन दिखला सकता, सच तक जो ले जाय। 
बुद्धि नहीं, केवल मन से ही सत्य सामने आय। 
अहंकार पर विजय मिलेगी, जब मन होगा बस में। 
करे स्वयं पर शासन जो, वो उस तक पहुँचे जाय।। 

Tuesday, 22 September 2020

GHAZAL.. KAIFI AZMI.. TUM ITNA JO MUSKURA RAHE HO..

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो।
क्या ग़म है, जिसको छुपा रहे हो?

The way that you are smiling a lot. 
Which pain are you keeping in knot?

आँखों में नमी, हँसी लबों पर। 
क्या हाल है, क्या दिखा रहे हो?

The eyes are wet, a smile on lips. 
What's the state 'n showing what? 

बन जाएँगे ज़हर, पीते पीते। 
ये अश्क, जो पीते जा रहे हो। 

These will finally poison be. 
The tears that you are sipping a lot. 

जिन ज़ख़्मों को, वक़्त भर चला है। 
 तुम क्यूँ उन्हें छेड़े जा रहे हो? 

 Wounds, that time is going to heal. 
Why is it, you are teasing the spot? 

रेखाओं का खेल है मुक़द्दर। 
रेखाओं से मात खा रहे हो। 

Destiny is just a game of lines. 
From the lines, you are losing the slot. 

Monday, 21 September 2020

GHAZAL.. PARVEEN SHAKIR.... कू - ब - कू फैल गई बात शनासाई की।

कू- ब - कू फैल गई बात शनासाई की। उसने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की। 

Everywhere news of our acquaintance spread. 
He received me just like fragrance, spread. 

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उसने? 
बात तो सच है, मगर बात है रुस्वाई की। 

How to say that he has left me aside ? 
It's true but a disgrace to audience ahead. 

वो कहीं भी गया, लौटा तो मिरे पास आया। 
बस यही बात है अच्छी, मिरे हरजाई की। 

Wherever he went, he came back to me again. 
It's one good thing about lover's reliance said. 

तेरा पहलू तिरे दिल की तरह आबाद रहे! 
तुझ पे गुज़रे न क़यामत शबे तन्हाई की! 

May your flank, like heart, keep settled! 
Let not to you lonely night's experience spread! 

उसने जलती हुई पेशानी पे जब हाथ रखा
रूह तक आ गई, तासीर मसीहाई की। 

When he placed his palm on my burning forehead. 
To my soul, healing powers of Christ's radiance spread. 

अब भी, बरसात की रातों में, बदन टूटता है। 
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की। 

On rainy nights, when my body gets restless. 
Desires to stretch limb's arrogance spread. 



 

Thursday, 17 September 2020

सप्तश्लोकी दुर्गा हिन्दी अनुवाद सहित

शिव उवाच _
देवि त्वम् भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी।
कलौ हि कार्य सिद्धि अर्थम् उपायम् ब्रूहि यत्नतः।।

कर्मों का विधान करती हो, भक्त सुलभ हो देवी। 
कहें, किस तरह कलियुग में, सम्पन्न कार्य हों देवी। ।

देवि उवाच_
शृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्व इष्ट साधनम्।
मया तव एव स्नेहेन् अपि अम्बा स्तुतिः प्रकाश्यते।।

देवी ने कहा _
स्नेह बहुत मुझ पर है हे हर ! कलियुग में हर भाँत। 
कार्य सभी सम्पन्न करें जो, अंबास्तुति कहलात।।

ॐ ज्ञानिनाम् अपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। 
बलाद् आकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।। 

बलपूर्वक हर लें उस चित को, जिस में है अभिमान। 
महामाया के मोहजाल में, भटके उस का ज्ञान।। 

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिम् अशेष जन्तोः
स्वस्थैः स्मृता मतिम् अतीव शुभाम् ददासि। 
दारिद्र्य दुःख भय हारिणि का तु अद् अन्या सर्व उपकार करणाय सदा आर्द्र चित्ता।। 

स्मरण करे जब नर तो, भय का आर्द्रचित्त हों करें निदान। 
दुःख, दरिद्रता, भय हर लें, दें बुद्धि, कौन है आप समान।। 

सर्व मङ्गल मङ्गल्ये शिवे सर्व अर्थ साधिके। शरण्ये त्रि अम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते।। 

मंगलमयी, शिवा, नारायणि, अर्थसिद्धि भी सब प्रकार है। 
शरणागत वत्सला, त्रिनेत्री, गौरी, तुम को नमस्कार है।। 

शरण आगत दीन आर्त परित्राण परायणे। सर्वस्य आर्ति हरे देवि नारायणि नमो ऽस्तु ते।। 

माँ शरणागत पीड़ित की, रक्षा में जुटती हर प्रकार है। 
दूर करें पीड़ा सब की, नारायणि तुमको नमस्कार है।। 

सर्व स्वरुपे सर्वेशे सर्व शक्ति समन्विते । 
भयेभि अस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो ऽस्तु ते।। 

सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरि, शक्ति संपन्ना, सब प्रकार है। 
अस्त्र भयों से रक्षा कीजे, गौरी तुमको नमस्कार है।

रोगान् अशेषान् अपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलान् अभि इष्टान्। 
त्वाम आश्रितानाम् न विपन्नराणाम् त्वाम आश्रिता हि आश्रयितां प्रयान्ति।।
 
रुष्ट होंय तो रहें कामना, हों प्रसन्न तो रोग निदान।
 शरण आपकी हों विपन्न न, करें और को शरण प्रदान।। 

सर्व बाधा प्रशमनं त्रैलोकि अस्य अखिल इश्वरि। 
एवम् एव तु अया कार्यम् अस्मद् वैरि विनाशनम् ।। 

तीन लोक की हे अखिलेश्वरि,  हर लें बाधा, हरें विकार। 
कार्य करें सब मेरे देवी और वैरियों का संहार।। 

Wednesday, 16 September 2020

GHAZAL.. JIGAR.. SUNTA HUN KI HAR HAAL MEN VOH....

सुनता हूँ कि हर हाल में, वो दिल के क़रीं है।
जिस हाल में हूँ अब, मुझे अफ़सोस नहीं है।

It's heard, near heart, in all states, He is found.
Now I am not worried about my own ground.

वो आए हैं ए दिल! तेरे कहने का यक़ीं है।
लेकिन मैं करूँ क्या? मुझे फुर्सत ही नहीं है।

O heart! I agree with you that she has come.
But what can be done? I am busy all around.

क्या शौक़ है, क्या ज़ौक़ है, क्या रब्त है, क्या ज़ब्त? 
सजदा है जबीं में, कभी सजदे में जबीं है।
What taste, how chaste, how content, what intent ?
Ground prostrating on chin, chin prostrating on  ground ! 

GHAZAL.. JIGAR.. JO AB BHI NA TAKLEEF FARMAAIYEGA..

जो अब भी, न तकलीफ़ फ़र्माइयेगा।
तो बस, हाथ मलते ही रह जायेगा। 

Even now, if you don't take the pain. 
Just rubbing hands, will you remain.

मिटा कर हमें आप पछताईयेगा। 
कमी कोई महसूस फ़र्माइयेगा। 

You 'll repent erasing me from the scene.
Something is missing, a thought' ll remain.

सितम इश्क़ में आप आसाँ न समझें। 
तड़प जाइयेगा, जो तड़पाईयेगा।

Don't think, torture in love is easy. 
Agoniser! Agony you too, 'll sustain.

हमीं जब न होंगे, तो क्या रंगे महफ़िल? 
किसे देख कर आप शर्माइएगा?

What ' ll the colours of gathering be ?
How will you be shy, if I refrain? 

Tuesday, 15 September 2020

कुछ दोहे_ काव्य रूप _रवि मौन

काम बहुत मुश्किल है सारे रिश्तों को ख़ुश रखना।
अंधियारा तो रूठेगा ही जब चिराग़ जलता है। 

आता है अभिमान जब हमें लगता हम करते हैं। 
मिलता है सम्मान लगे जब जग को हम करते हैं। 

भक्ति नहीं धन देती पर करती है हृदय प्रसन्न।
 नर्क निराशा के पल हैं औ' स्वर्ग है जब हैं प्रसन्न।

अपनों को पहनाइए शर्तों का न लिबास।
अपनों को अच्छे लगें रिश्ते जब बिंदास।

मधुर कभी झरनों से ना संगीत सुनाई देता।
जहाँ तहाँ रस्ता रोके गर होती ना चट्टानें।

यूँ तो बस इक छोटा-सा है लफ़्ज़ लगन। 
लग जाती ये जिसे बदल देती जीवन। 

Sunday, 13 September 2020

GHAZAL.. PT. CHAKBAST..

कुछ ऐसा पास-ए-ग़ैरत उठ गया इस अहदे पुरफ़न में।
कि ज़ेवर हो गया, तौक़-ए-ग़ुलामी अपनी गर्दन में।
In this artistic period, regard for dignity is gone. 
Slavery collar is worn as ornament on his own.
शजर सकते में हैं, ख़ामोश है बुलबुल नशेमन में। 
सिधारा क़ाफ़िला फूलों का, सन्नाटा है गुलशन में। 
Trees are stunned and the nightingale is silent.
Flower caravan is reformed, garden sounds are gone. 
गराँ थी धूप और शबनम भी, जिन पौदों को गुलशन में। 
तिरी क़ुदरत से वो फूले फले, सहरा के दामन में।
Plants that didn't like sun'n dew in the garden.
Your grace, in deserts those plants have grown. 
हवा-ए-ताज़ा दिल को ख़ुद-बख़ुद बेचैन करती है।
क़फ़स में कह गया कोई, बहार आई है गुलशन में। 
When told to captives, there was spring in garden.
Fresh air made heart restless on its own.
मिटाना था उसे भी जज़्बा - ए-शौक़-ए-फ़ना तुझ को। 
निशान-ए-क़ब्र-ए-मजनूँ दाग़ है सहरा के दामन में।
Why didn't you curb his desire to be mortal? 
A blemish on Sahara is Majnu's gravestone. 
ज़माना में नहीं अहल-ए-हुनर का क़दर दाँ बाक़ी। 
नहीं तो सैकड़ों मोती हैं इस दरिया के दामन में। 
None now regards skilled people in this world. 
In the lap of sea are thousand pearls as it's own. 
यहाँ तस्बीह का हल्क़ा वहाँ ज़ुन्नार का फंदा।
असीरी लाज़मी है मज़हब-ए-शैख़-ओ-बरहमन में। 
Rorasy rings are here, sacred threads on their throats. 
Captives are Sheikh 'n Brahmin in religions of their own. 
जिन्हें सींचा था ख़ून-ए-दिल सेअगले बाग़बानों ने। 
तरसते अब हैं पानी को वो पौदे मेरे गुलशन में। 
Those plants of my garden now long for water. 
Plants nourished by life blood of gardeners bygone. 
दिखाया मो'जिज़ा हुस्न - ए-बशर का दस्त-ए-क़ुदरत ने। 
भरी तासीर तस्वीर - ए-गिली के रंग-ओ-रोग़न में। 
Nature suffused that miracle in the beauty of man. 
Effect of colours of her lane in  painting is shown.
शहीद-ए-यास हूँ, रुस्वा हूँ, नाकामी के हाथों से। 
जिगर का चाक बढ़ कर आ गया है मेरे दामन में।
I am a martyr of sadness in the hands of failure. 
The split of my heart, to the hem, has grown. 
जहाँ में रह के यूँ क़ायम हूँ, अपनी बे-सबाती पर। 
कि जैसे अक्स-ए-गुल रहता है, आब-ए-जू-ए-गुलशन में। 
As flower shadow stays in the rivulet of garden. 
I exist in world with impermanence of my own. 
शराब - ए-हुस्न को कुछ और ही तासीर देता है। 
जवानी के नुमू से बे-ख़बर होना लड़कपन में। 
The wine of beauty gets an additional effect. 
As a child, not to know about coming youth of your own.
शबाब आया है पैदा रंग है रुख़सार-ए-नाज़ुक से। 
फ़रोग़-ए-हुस्न कहता है सहर होती है गुलशन में। 
With youth, colours appear from her delicate cheeks. 
Beauty claims that morning in her garden is shown. 
 नहीं होता है मुहताज-ए-नुमाइश फ़ैज़ शबनम का। 
अंधेरी रात में मोती लुटा देती है गुलशन में। 
Dew needs no exhibition or grace for the self. 
In dark night, in the garden, pearls are thrown. 
मता-ए-दर्द-ए-दिल, इक दोलत-ए-बेदार है मुझको। 
दुर-ए-शहवार है, अश्क-ए-मुहब्बत मेरे दामन में। 
I value heart pain as an unexpected wealth. 
Tears of love as large pearls on my lap are shown. 
न बतलाई किसी ने भी हक़ीक़त राज़-ए-हस्ती की। 
बुतों से जा के सर फोड़ा बहुत दैर-ए-बरहमन में। 
No one revealed to him the secret of life. 
Brahmin banged his head on idols, only to moan. 
पुरानी काविशें दैर-ओ-हरम की मिटती जाती हैं। 
नई तहज़ीब के झगड़े हैं अब शैख़-ओ-बरहमन में। 
Old efforts between temple and mosque are gone. 
New culture of tussle in sheikh 'n brahmin has grown.
उड़ा कर ले गई बाद-ए-ख़िज़ाँ इस साल उस को भी। 
रहा था एक बर्ग-ए-ज़र्द बाक़ी मेरे गुलशन में। 
This year, autumn wind has swept it too. 
Lonely yellow leaf of my garden was blown. 
वतन की ख़ाक से, मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है। 
मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में। 
I love the dust of my land, even after death. 
In her midst, pleasure of mother's lap is sown. 






GHAZAL.. AGAR MUJHE KOI GHAM HAI TO BAS YAHEE...

अगर मुझे कोई ग़म है तो बस यही ग़म है।
कि तेरे ग़म के लिए मेरी ज़िन्दगी कम है।
If there's a grief that I possess. 
For your grief, my life span is less.
तिरी निगाह को क़ातिल ज़माना कहता है। 
तिरी निगाह तो हर ज़ख़्म दिल का मरहम है। 
People say, your eyes are killer. 
As heart wound healers, I assess. 

Friday, 11 September 2020

GHALIB.. GHAZAL.. DILE NADAN TUJHE HUA KYA HAI...

Dile naadaan! tujhe hua kya hai?
Aakhir is dard ki davaa kya hai?
What's the matter O innocent heart?
What's drug for this pain in mart?

Ham hain mushtaq aur voh bezaar.
Ya Ilahi ye maajra Kya hai?
She is apathetic while I crave. 
O God! Why is she so tart?

Main bhi munh men zabaan rakhtaa hoon. 
Kash poochho ki mudda'a kyaa hai? 
I too have a tongue in mouth. 
If you ask, what is my part? 

Jab ki tujh bin naheen kol maujood. 
Phir ye hangaama ai Khuda kya hai? 
When none but you, exists? 
Why turmoil from the start? 

Ye pari chehraa log kaise hain? Ghamza-o-ishva-o-adaa Kya hai? 
Who are these fairy faces here? 
Ogling, glances, amorous art? 

Shikane-zulfe-ambaree kyoon hai? 
Nigahe - chashme - surmaa saa kya hai? 
Why curly, musky, tresses., 
Kohl eyes : angling pads for dart? 

Sabza-o-gul kahaan se aaye hain? 
Abr kya cheez hai, havaa kya hai? 
Where from are grass 'n flowers? 
What are clouds' n air to cart? 

Hamko unse vafaa ki hai ummeed. 
Jo naheen jaante vafaa kya hai? 
I hope her to be faithful. 
Whu knows no faith from start? 

Haan bhalaa kar teraa bhalaa hogaa. 
Aur darvesh kee sadaa kya hai? 
Do good for a good reward. 
What else can  dervish impart? 

Jaan tum par nisaar kartaa hoon. 
Main naheen jaantaa dua kya hai? 
My life is now all yours. 
Don't know what to pray apart? 

Maine maanaa ki kuchh nahin 'Ghalib'. 
Muft haath aaye to bura kya hai? 
'Ghalib' agrees that it is nothing. 
If I get it free, why act smart? 









Monday, 7 September 2020

SAHIR.. NAZM.. . CHAKLE....

ये कूचे, ये नीलामघर दिलकशी के।
 ये लुटते हुए कारवाँ ज़िन्दगी के।
कहाँ हैं? कहाँ हैं मुहाफ़िज़ ख़ुदी के?
सनाख़्वाने - तक़्दीसे-मशरिक़ कहाँ हैं?
These lanes, auction houses of sensuous ware. 
These robbed caravans of life everywhere. 
Where can the guardians of self pride dare?
Where are those, who blare sanctity of east? 

ये पुरपेच गलियाँ , ये बेख़्वाब बाज़ार। 
ये गुमनाम राही, ये सिक्कों की झनकार। 
ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार। 
सनाख़्वाने - तक़्दीसे - मशरिक़ कहाँ हैं?
These tortuous lanes of dreamless mart. 
These nameless men, tinkling coins as art. 
These traders of chastity, disputes to chart. 
Where are those, who blare sanctity of east? 

तअफ़्फ़ुन से पुर, नीम-रोशन ये गलियाँ। 
ये मसली हुई अधखिली, ज़र्द कलियाँ। 
ये बिकती हुई खोखली रंगरलियां। 
सनाख़्वाने - तक़्कदीसे - मशरिक़ कहाँ हैं? 
The putrid, ill lit and dirty lane. 
Crushed, yellowish buds on the wane. 
On sale, hollowed pleasure bane. 
Where are those who blare sanctity of east? 

 ये गूंजे हुए क़हक़हे रास्तों पर। 
ये चारों तरफ़ भीड़ सी खिड़कियों पर। 
ये आवाज़ें खिंचते हुए आँचलों पर। 
सनाख़्वाने - तक़्दीसे - मशरिक़ कहाँ हैं? 
Echoed, bold laughs from the pavements. 
Girls showing faces on windows as presents. 
On pulled corners of scarf are comments. 
Where are those who blare sanctity of east? 

ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे। 
ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख़ फ़िक़रे। 
ये ढलके बदन और ये मदक़ूक चेहरे। 
सनाख़्वाने - तक़्दीसे - मशरिक़ कहाँ हैं? 
These bangle of flowers, these betel stains.
These fearless looks and comments as rains. 
These decaying, diseased bodies in lanes. 
Where are those who blare sanctity of east? 

ये भूकी निगाहें हसीनों की जानिब। 
ये बढ़ते हुए हाथ सीनों की जानिब। 
लपकते हुए पाँव ज़ीनों की जानिब। 
सनाख़्वाने - तक़दीसे-मशरिक़ कहाँ हैं? 
These hungry looks that at girls stare. 
These hands reaching bosoms to bare. 
These feet boldly stepping up stair. 
Where are those who blare sanctity of east? 

यहाँ पीर भी आ चुके हैं, जवाँ भी। 
तनूमंद बेटे भी, अब्बा मियाँ भी। 
ये बीवी भी है और बहन भी है,  माँ भी। 
सनाख़्वाने_सक़्दीसे_मशरिक़ कहाँ हैं? 
Men, old and young, have all come here. 
Healthy sons and old fathers come here. 
There is a wife, sister and mother here. 
Where are those who blare sanctity of east? 

मदद चाहती है ये हव्वा की बेटी। 
यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी। 
पयम्बर की उम्मत, जुलेख़ा की बेटी। 
सनाख़्वाने_सक़्दीसे_मशरिक़ कहाँ हैं? 
Needs a helping hand this daughter of Eve. 
Of Yashoda and Radha as you perceive. 
Of Julekha and others who in Prophet believe. 
Where are those who blare sanctity of east? 

बुलाओ, ख़ुदायाने दीं को बुलाओ। 
ये कूचे , ये गलियाँ, ये मंज़र दिखाओ। 
सनाख़्वाने_सक़्दीसे_मशरिक़ को लाओ। 
सनाख़्वाने_सक़्दीसे_मशरिक़ कहाँ हैं? 
Call them, who claim religions as domains. 
Show these streets, the view of these lanes. 
Bring them who claim religions as domains. 
Where are those who blare sanctity of east? 
 

Saturday, 5 September 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. AB TERE MERE BEECH ZARA......

अब तेरे मेरे बीच ज़रा फ़ासला भी हो।
हम लोग जब मिलें तो कोई दूसरा भी हो। In between you and me, some space should be there.
When both of us meet, some one else should be there.
तू जानता नहीं मिरी चाहत अजीब है। 
मुझको मना रहा है कभी ख़ुद ख़फ़ा भी हो। 
You just do not know, my choice is strange to show. 
Try to cajole so so, angry you should be there.
तू बेवफ़ा नहीं है मगर बेवफ़ाई कर। 
उसकी नज़र में रहने का कुछ सिलसिला भी हो। 
You are not disloyal, I tell you to be disloyal. 
A contact in vision royal, well it should be there. 
पतझड़ के टूटते हुए पत्तों के साथ साथ। 
मौसम कभी तो बदलेगा ये आसरा भी हो। 
With autumn leaves that fall, let there be a call. 
That before next fall, a new you should be there. 
चुपचाप उसको बैठ के देखूँ तमाम रात। 
जागा हुआ भी हो कोई सोया हुआ भी हो। 
Keeping her in sight, sitting by her all night. 
Asleep'n awake alright, some one should be there. 
उसके लिए तो मैंने यहां तक दुआएँ कीं। 
मेरी तरह से कोई उसे चाहता भी हो। 
For her when I pray, I have this to say. 
Liking her my way, someone should be there. 


Friday, 4 September 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. VO NAHIN MILA TO MALAL KYA....

वो नहीं मिला तो मलाल क्या, जो गुज़र गया सो गुज़र गया।
उसे याद कर के न दिल दुखा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया।
Blast, if he didn't last, whatever is past is past. 
Forget, heart feels downcast, whatever is past is past.
न गिला किया, न ख़फ़ा हुए, यूँ ही रास्ते में जुदा हुए। 
न तू बेवफ़ा, न मैं बेवफ़ा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया ।
No complain no refrain, just parted on the lane. 
Loyalty is none's domain, whatever is past is past. 
वो ग़ज़ल की कोई किताब था, वो गुलों में एक गुलाब था। 
ज़रा देर का कोई ख़्वाब था, जो गुज़र गया सो गुज़र गया ।
He was a ghazal book well bound, a rose in flowers when found. 
Short dream when sleep was sound, whatever is past is past
मुझे पतझड़ों की कहानियां न सुना सुना के उदास कर।
तू ख़िज़ाँ का फूल है मुस्कुरा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया ।
Don't tell me autumn tale, to hear one's sad and pale. 
Smile autumn flower don't fail, whatever is past is past. 
वो उदास धूप समेट कर कहीं वादियों में उतर चुका। 
उसे अब न दे मिरे दिल सदा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया 
With sad sunlight as collect, in valleys he went perfect. 
O heart don't call to connect, whatever is past is past. 
ये सफ़र भी कितना तवील है, यहाँ वक़्त कितना क़लील है। 
कहाँ लौट कर कोई आएगा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया ।
Path is long no support, while time is far too short. 
Where can one report, whatever is past is past. 
वो वफ़ायें थीं के जफ़ायें थीं, न ये सोच किस की ख़तायें थीं। 
वो तिरा है उसको गले लगा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया ।
Whether loyal or disloyal, don't think whose fault was royal. 
He is yours, embrace no trial, whatever is past is past. 
कोई फ़र्क़ शाहो गदा नहीं, कि यहाँ किसी को बक़ा नहीं। 
ये उदास महलों की सुन सदा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया ।
No gap in poor or rich, none has immortal stitch. 
Listen ruined palace pitch, whatever is past is past. 
तुझे ऐतबारो यक़ीं नहीं, नहीं दुनिया इतनी बुरी नहीं।
न मलाल कर मिरे साथ आ, जो गुज़र गया सो गुज़र गया ।
Though you don't believe, world isn't bad perceive. 
Why be sad achieve, whatever is past is past. 

IQBAL. GHAZAL.. AAH KISKI JUSTJU AWARA KARTI....

आह! किस की जुस्तजू आवारा करती है तुझे।
राह तू, रहरौ भी तू, रहबर भी तू, मंज़िल भी तू। 
Whose search has made a vagabond of you? 
Path, cotraveller, guide and goal are you. 
काँपता है दिल तेरा, अंदेश ए तूफ़ाँ से क्या? 
ना ख़ुदा तू, बहर तू, कश्ती भी तू, साहिल भी तू। 
Does your heart tremble with oncoming storm? 
Ship, shipman, stream and shore are you. 
वाए नादानी! कि तू मोहताज़े साक़ी हो गया। 
मय भी तू, मीना भी तू, साक़ी भी तू, महफ़िल भी तू। 
What a pity,that you are dependent on barmaid ! 
Drink, drinkpot, barmaid and gathering are you. 

भुलाने में जिनको ज़माने लगे हैं

भुलाने में जिनको ज़माने लगे हैं। 
वहीअब मुझे याद आने लगे हैं।
 To forget whom, time was lost in vain.
That person is back into memory lane.
मेरे ग़म पे वो मुस्कराने लगे हैं। 
मज़े अब मुहब्बत के आने लगे हैं। 
Now she smiles when I am in pain. 
The charm of love is now to remain. 
तेरे इश्क़ में जब से इर्फ़ां हुआ है। 
जुदाई में भी लुत्फ़ आने लगे हैं। 
When I have delved deep in love.
Even when apart there's pleasure chain. 
तुझे प्यार यूँ हम जताने लगे हैं। 
तू रूठा नहीं पर मनाने लगे हैं। 
This way now love I compaign. 
You aren't annoyed, I cajole again. 
चले आइए रात ढलने लगी है। 
सितारे भी अब घर सजाने लगे हैं। 
Stars are now arranging the house. 
Come, as the night is now on wane. 
जो करते थे वादा मुहब्बत का हमसे। 
वही आज नज़रें चुराने लगे हैं। 
One who promised to love me here. 
Now avoids looking at me in the lane. 



Thursday, 3 September 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. LAGI DIL KI HAMSE KAHI JAYE NA...

लगी दिल की हमसे कही जाय ना।
ग़ज़ल आँसुओं से लिखी जाय ना। 
What heart went through can't be told.
Ghazal of tears can't be scrolled.
अजब है कहानी मिरे प्यार की। 
लिखी जाय लेकिन कही जाय ना। 
Story of my love is strange. 
What is written, can't be told. 
सवेरे से पनघट पे बैठी रहूँ। 
पिया बिन गगरिया भरी जाय ना।
Since morn' I sit on well wall.
Sans him, who'll pitcher hold.
न मंदिर न मस्जिद न दैरो हरम। 
हमारी कहीं भी सुनी जाय ना। 
No temple, mosque, religious place. 
None hears what we have told
ख़ुदा से ये बाबा दुआएँ करो।
हमें छोड़कर वो कभी जाय ना। 
Pray for us O noble man. 
Never to leave , always hold. 
 सुनाते सुनाते सहर हो गई।
मगर बात दिल की कही जाय ना। 
Saying the story, night has passed. 
Talk of heart is yet untold. 

फ़िराक़ के....26 अश'आर

शबे विसाल के बाद आइना तो देख ऐ दोस्त।
तिरे जमाल की दोशीज़गी निखर आई।

Look at the mirror after nuptual night and know. 
The beauty of your maidenhood is more aglow.

बहुत दिनों में मुहब्बत को ये हुआ मालूम। जो तेरे हिज्र में बीती वो रात रात हुई। 

After many days, could love know it right. 
Night spent in your absence was real night. 

ज़िन्दगी क्या है आज इसे ऐ दोस्त। 
सोच लें और उदास हो जाएँ। 

Today, what is life? O pal. 
Let's think, be sad after all. 

मैं हूँ, दिल है, तन्हाई है। 
तुम भी होते, अच्छा होता। 

Solitude, I and heart are here. How good if you too were here.

तेरे आने की क्या उमीद मगर। 
कैसे कह दूँ कि इंतज़ार नहीं। 

 Is there hope, you'll come O mate. 
How to say that I don't wait.

कोई आया न  आएगा लेकिन। 
क्या करें गर न इंतज़ार करें? 

None has come, no one will come. 
But for waiting, what can be done? 

ग़रज़ कि काट दिए ज़िन्दगी के दिन ऐ दोस्त। 
वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में। 

Somehow days of my life are spent, I realise. 
Whether it is to forget you or memorise. 

इसी खंडर में कहीं, कुछ दिये हैं टूटे हुए। 
इन्हीं से काम चलाओ, बड़ी उदास है रात। 
From this ruin, some broken lamps can be found.
Make use of these, sadness of night is profound. 

मौत का भी इलाज हो शायद। 
ज़िन्दगी का कोई इलाज नहीं। 

May be, there's some treatment of death. 
But there's none for life, till death. 

हम से क्या हो सका मुहब्बत में? 
तुम ने तो ख़ैर, बेवफ़ाई की। 

What could I achieve in love? 
You could be infidel my love. 

अब तो उनकी याद भी आती नहीं। कितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँ ! 
Now even her memories do not come. 
How alone has loneliness become ! 

  कौन ये ले रहा है अंगड़ाई? 
आसमानों को नींद आती है। 

Who is stretching her limbs so high ? 
There is a sleepy spell in the sky. 

कोई समझे तो एक बात कहूँ। 
इश्क़ तौफ़ीक़ है, गुनाह नहीं। 

I can say, it is pure as a hymn. 
Love's God's grace, not a crime

बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मालूम। 
कि तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई।

 The love after so many days, got it right. 
That night passed in your absence, was night. 1

After many many days, to love, it was known. 
That night of departure was night of my own. 

रफ़्ता रफ़्ता इश्क़ मानूस-ए-जहाँ होने लगा। 
ख़ुद को तेरे हिज्र में तन्हा समझ बैठे थे हम। 

Gradually love became familiar with world, it's tone. 
When you left, I had considered myself so alone. 

दिल थामता कि चश्म पे रखता तिरी निगाह। 
साग़र को देखता कि मैं शीशा सँभालता

Could I hold my heart or your eyes behold? 
Could I look at the goblet or glass on hold. 

आधी से ज़ियादा शबे ग़म काट चुका हूँ। 
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है। 

I have passed more than half of this painful night. 
If you come even now, enough is left in the night. 

अब याद- ए - रफ़्तगाँ की भी हिम्मत नहीं रही। 
यारों ने कितनी दूर बसाई हैं बस्तियाँ। 

Even memories of past lost courage on way. 
My friends have made homes so far away. 

मुतरिब से कहो आज इस अंदाज़ से गाए। हर दिल पे लगे चोट सी हर आँख भर आए। 

Tell the singer to sing in such a fair style. 
That hurts every heart, in eyes tears pile. 

कुछ ऐसी भी गुज़री हैं तेरे हिज्र में रातें। 
दिल दर्द से ख़ाली हो मगर नींद न आए। 

In your absence, some nights have passed this way. 
The heart was painless but nap didn't stay. 

साँस लेती है वो ज़मीन 'फ़िराक़ '। 
जिस पे वो नाज़ से गुज़रते हैं। 

O 'Firaaq'! It breathes with pride. 
The track where she takes stride. 

कुछ इशारे थे जिन्हें दुनिया समझ बैठे थे हम। 
उस निगाह ए आश्ना को क्या समझ बैठे थे हम? 

Some hint was there 'n for the world I mistook. 
What did I take her for that seductive look ? 

अहले ज़िंदा की ये महफ़िल है सुबूत इस का 'फ़िराक़' ।
कि बिखर कर भी ये शीराज़ा परीशाँ न हुआ। 

O' Firaaq'! This prison gathering is the proof. 
Despite being scattered, we are under one roof. 

सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं। 
लेकिन इस तर्क - ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं। 

No obsession in head, no desire in heart ! 
Can't rely on love with logic in it's part. 

कर अहद-ए-गुज़श्ता को शरीक-ए-ग़म-ए-इमरोज़। 
ख़ाकिस्तर-ए-माज़ी से कुछ उठता है धुआँ भी। 

Let the gone by years  be with the present pain. 
From remains of past rises smoke in it's domain. 





Tuesday, 1 September 2020

SAHIR.. SONG.. ZINDAGI BHAR NAHIN BHOOLEGI VOH.....

ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात।
एक अनजान हसीना से मुलाक़ात की रात। 
Whole life, I will not forget that rainy night. 
When I met an unknown beauty that night. 
हाय वो रेशमी ज़ुल्फ़ों से बरसता पानी। 
फूल से गालों पे रुकने को तरसता पानी। 
दिल में तूफ़ान उठाते हुए जज़्बात की रात। 
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात। 
Water falling from tress so silken.
Longing to stay on flowery cheeks so often. 
Erupting a storm of emotions in heart that night. 
Whole life I will not forget that rainy night. 
डर के बिजली से अचानक वो लिपटना उसका। 
और फिर शर्म से बल खा के सिमटना उसका। 
कभी देखी न सुनी ऐसी तिलिस्मात की रात। 
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात। 
Afraid of lightning , coming in sudden embrace. 
Feeling shy, then settling in wavy retrace.
Neither I saw nor heard of such a magical night. 
Whole life, I will not forget that rainy night. 
सुर्ख़ आँचल को दबा कर जो निचोड़ा उसने। 
दिल पे जलता हुआ एक तीर सा छोड़ा उसने।
आग पानी में लगाते हुए, लम्हात की रात।
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात। 
When she pressed 'n squeezed her red skirt.7ऊ चेतांसि ए
A burning arrow was aimed at the heart. 
Setting water on fire, were  moments that night. 
Whole life, I will not forget that rainy night.
मेरे नग़्मों में जो बस्ती है वो तस्वीर है वो। नौजवानी के हसीं ख़्वाब की ताबीर है वो। आसमानों से उतर आई थी वो रात की रात। 
She is a sketch that lives in my song.
Fulfilment of youthful dreams that throng. 
She alighted from the skies that very night.
Whole lifeउ I will not forget that rainy night.