Thursday, 31 December 2020

QAABIL AJMERII...6.. COUPLETS

तुम न मानो मगर हक़ीक़त है।
इश्क़ इंसान की ज़रूरत है। 

You may disagree but it's fact indeed. 
Love  is an obvious human need. 

अब ये आलम है कि ग़म को भी ख़बर होती नहीं। 
अश्क बह जाते हैं लेकिन आँख तर होती नहीं। 

Such is the srate that sorrow doesn't know. 
Eyes do not get wet but tears still flow. 

बहुत काम लेते हैं दर्द-ए-जिगर से। 
कहीं ज़िन्दगी को क़रार आ न जाए! 

A lot does pain of heart police. Let not my life get any peace! 

वक़्त करता है परवरिश बरसों। 
हादसा एक दम नहीं होता ! 

For years, it is fostered by the time. 
Calamity  does not  suddenly chime! 

तज़ाद-ए-जज़्बात में ये नाज़ुक मक़ाम आया तो क्या करोगे ? 
मैं रो रहा हूँ तुम हँस रहे हो, मैं मुस्कुराया तो क्या करोगे ? 

In contradictory emotions if there comes a delicate state, what 'll you do ? 
I am crying, you are laughing, if I start smiling, then what will you do ? 

रास्ता है कि कटता जाता है। 
फ़ासला है कि कम नहीं होता।

Route - cutting is produced.
But distance isn't reduced.

बहुत काम लेते हैं दर्द- ए- जिगर से।
कहीं ज़िन्दगी को क़रार आ न जाए। 

With pain of heart many works happen. 
If life gets comfort, well what then?


Saturday, 26 December 2020

सालगिरह 2020

सालगिरह पर घूमने पुडुचेरी प्रस्थान। किया समन्दर तट भ्रमण, कैसे करूँ बखान।
चक्रवात के चक्र में फँसे, रहे बेचैन। 
वापस चलते, बाँह पर गिर गया बोनट आन।
दर्द बहुत था, पर चली गाड़ी घंटे पाँच।
बरसा सारे रास्ते भर जुल्मी अस्मान।। 

Thursday, 24 December 2020

AARZOO LAKHNAVI.....15..... couplets.

हाथ से किसने साग़र पटका मौसम की बेकैफ़ी पर।
इतना बरसा टूट के बादल, डूब चला मय-ख़ाना भी।

On dull weather, who has thrown the wine - cup so far. 
Clouds burst, there were rains to submerge even the bar.

खिलना कहीं छुपा भी है चाहत के फूल का। 
ली घर में साँस और गली तक महक गई।

Blossoming of love - flower, no one can contain.
Breathe inside  home, scent spreads across the lane.

जो कुछ न था कहने का, सब कह गया दीवाना। 
समझो तो मुकम्मल है, अब इश्क़ का अफ़साना। 

Mad man has said even what he could delete. 
If you understand, the love story is complete.

हर साँस है एक नग़्मा, हर नग़्मा है मस्ताना।
किस दर्जा दुखे दिल का, रंगीन है अफ़साना।

Each breath is a song, song with drink replete. 
How colourful is  heart tale gone through deceit.

वाए ग़ुर्बत, कि हुए जिस के लिए ख़ाना ख़राब। 
सुन के आवाज़ भी घर से न वो बाहर निकले।

Alas! This poverty, for whom I 've got desolate and roam.
Listening to my voice, didn't even come out of home.

मोहब्बत नेक-ओ-बद को सोचने दे ग़ैर-मुमकिन है।
बढ़ी जब बे-ख़ुदी फिर कौन डरता है गुनाहों से।

It's impossible in love, for thought of good' n bad to sneak.
Who is afraid of sins, when intoxication is at it's peak.

ख़िज़ाँ का भेस बदल कर बहार ने मारा। 
मुझे दो-रंगी-ए-लैल-ओ-बहार ने मारा। 

In disguise of autumn, I suffered spring's plight. 
In spring, I was hurt by  colours of day 'n night. 

शौक़ चढ़ती धूप, जाता वक़्त घटती छाँव हे। 
बावफ़ा जो आज हैं, कल बेवफ़ा हो जाएँगे।

Ardour is rising sunlight, time regressing shade. 
Those faithful today, will tomorrow faith evade. 

वफ़ा तुम से करेंगे दुख सहेंगे नाज़ उठाएँगे। 
जिसे आता है दिल देना उसे हर काम आता है। 

I 'll be faithful, suffer pain out of the grace chart. 
He knows everything who knows how to give heart. 

इश्क़ में सौ बार नाला आ के लब पर रह गया। 
बात अकेले की नहीं थी दो दिलों का राज़ था। 

A hundred times cry stopped short of lips. 
It wasn't tale of one but two heart slips. 

पुकारती है न दरवाज़ा खटखटाती है। 
बड़े घमंड से याद उस की दिल में आती है। 

Neither it calls nor knocks door side. 
Her memory enters the heart with pride.

कुछ तो मिल जाए लब- ए - शीरीं से।
ज़हर खाने की इजाज़त ही सही। 

Something from sweet lips at least.
Permission for the poison to feast.

जैसे हम सूरत आशना ही नहीं !
सदक़े इस मुँह छुपा के जाने का। 

As if I don't recognise your face
Bless the way you cover your face.

तेरा तो ढंग है वही अपना बना के छोड़ दे
वो भी बुरा है बावला जो तुझ को पा के छोड़ दे। 

Your style is the same, leave after making own. 
He too is a fool, who to you, can disown.

ख़ामोशी मेरी मअनी-ख़ेज़ थी ऐ 'आरज़ू' कितनी।
कि जिस ने जैसा चाहा वैसा अफ़साना बना डाला। 

O 'Arzoo' meaningful to many, was my silence.
As per wish, each erected his own fence. 

केनोपनिषद... व्याख्याकार... स्वामी चिन्मयानन्द ... हिन्दी पद्यानुवाद

शान्तिपाठ
ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु। मा विद्विषावहै।। 
ॐ शान्तिः! शान्तिः! !शान्तिः!!!

शिक्षक, विद्यार्थी रहें रक्षित ॐ सदैव। 
आनन्दित हों, आपकी खोज साथ कर देव।
तन मन से कोशिश करें समझें गहरे भेद। 
तेजस्वी हों औ' सफल, हो न परस्पर भेद।। 

ॐ करें रक्षा, दैवी विपदाओं से हो शान्ति! 
घटनाएँ जो क्रूर हों, उनसे भी हो शान्ति!! 
दैविक बाधा से मिले, हम दोनों को शान्ति!!! 

ॐ आप्यायन्तु ममाङ्गानि वाक्प्राणश्चक्षुः  श्रोत्रमथो बलमिन्द्रियाणि च सर्वाणि। 
सर्वं ब्रह्मौपनिषदं माहं ब्रह्म निराकुर्यां मा मा ब्रह्म निराकरोद् निराकरणमस्त्वनिराकरणं मेऽस्तु तदात्मनि निरते य उपनिषत्सु धर्मास्तेमयि सन्तु मे मयि सन्तु।। 

ॐ शान्तिः! शान्तिः!! शान्तिः!!! 

पुष्ट अंग हों, इंद्रियों में शक्ति का संचार। 
सभी तो है ब्रह्म, जो है उपनिषद का सार। करूँ मैं, न ब्रह्म मुझको कभी अस्वीकार। 
आनन्दित हों आत्मसात कर उपनिषदों का सार।। 

ॐ शान्तिः! शान्तिः!! शान्तिः!!! 

..... प्रथम खण्ड.... 

ॐ केनेषितं पतति प्रेषित मनः। 
केन प्राणः प्रथमः प्रैति युक्तः । 
केनेषितं वाचमिमां वदन्ति चक्षुः 
श्रोत्रं क उ देवो युनक्ति।। 1।।
 
ॐ! आलोकित मन करे ,है किस का आदेश। 
प्राण वायु आ जा रही, है किस का निर्देश।
बोलें नर जब शब्द, हों किस इच्छा आधीन। 
आँख नाक देखें सुनें, किस विधि के आधीन।। 1।।

श्रोत्रस्य श्रोत्रं मनसो मनो यद्वाचो ह वाचं स उ प्राणस्य
प्राणश्चक्षुषश्चक्षुरतिमुच्य धीराः प्रेत्यास्माल्लोकादमृता भवन्ति।। 2।।

मन का मन ,वाणी की वाणी और कान का कान। 
आँख की है आँख ,है वह प्राण का ही प्राण। 
उठ सके इन्द्रिय जगत से, तज सभी अनुराग। 
धीर हो अमृत ,करे जब अहम् का भी त्याग।। 2।।

न तत्र चक्षुर्गच्छति न वाग्गच्छति नो मनो
न विद्मो न विजानीमो तथैतदनुशिष्यादन्यदेव
तद्विदितादथो अविदितादधि।
इति शुश्रुम पूर्वेषां ये नस्तद्वयाचचक्षिरे।। 3।।

आँख वाक् न मन उसे, समझ सके न जान। 
कैसे फिर समझा सके उसको जो अनजान। 
है अलग वह ज्ञान से, ऊपर बहुत अज्ञान से। 
अगम है ऐसा सुना है, पूर्वजों ने ध्यान से।। 3।।

यद्वाचानभ्युदितं येन वागभ्युद्यते। 
तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते।। 4।।

शब्द प्रकट न कर सकें, जो वाक् को करता प्रकट। 
न उपासना है ब्रह्म, बस चैतन्य है उसके निकट। 
चित् प्रवाहित उज्ज्वलित, केवल है आत्म प्रभाव से। 
जो चाहता है प्लवित कर दे सत्य के हर भाव से। 

यन्मनसा न मनुते येनाहुर्मनो मतम्। 
तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते।। 5।।

जिस की वजह से मन समझता, मन स्वयं न समझ सके। 
केवल वही है ब्रह्म,  न कि उपासना से समझ सके। 

यच्चक्षुषा न पश्यति येन चक्षूँषि पश्यति। 
तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते।। 6।।

देखे न जिस को आँख पर जिस की वजह से देखती। 
नहीं सिर्फ पूजा विधि वरन है आत्म तो केवल यही। 

यच्छ्रोत्रेण न श्रृणोति येन श्रोत्रमिद ँ श्रुतम्। 
यदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते।। 7।।

जिसे कान न सुन सकें जिस से सुनते कान। 
यही ब्रह्म है तू पूजक को ब्रह्म रहा क्यों मान। 

यत्प्राणेन न प्राणित येन प्राणः प्रणीयते। 
तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते।। 8।।......।। इति प्रथमः खण्डः।। 

प्राण वायु ले जिस से न कि जिस को श्वास दे। 
केवल वही है ब्रह्म न कि जो पूजा कर रहे। 
बुद्धि इन्द्रिय मन करें चेतन्य से ही काज सब। 
केवल वही है ब्रह्म साधक जान इस को आज अब। 
शब्द हैं सीमित न करते इस से अधिक बखान। 
यह छाया है ब्रह्म की अब कर अनुसंधान।। 8।।...प्रथम खण्ड समाप्त। 

........ द्वितीय खण्ड....... 

यदि मन्यसे सुवेदेति दहरमेवापि नूनम् ।त्वं वेत्थ ब्रह्मणो रूपं यदस्य देवेष्वथ नु 
मीमा ँ' स्यमेव ते मन्ये विदितम्।। 1।।

शिष्य अगर है धारणा, हुआ ब्रह्म का ज्ञान
यह देवों का ज्ञान है ब्रह्म का तनिक भान। विचरण कर तू अपने अंदर अंतःकरण निहार। 
है जो मैं का आवरण उस को तनिक उतार। 
है आलोकित आत्म यह परम सत्य से जान। 
परम सत्य को शब्द से कैसे करें बखान। 
साधक अपनी भक्ति से करता रहे प्रयास। तब जा कर छुटता कहीं मैं पर से विश्वास। हो जाता है जब उसे परम सत्य आभास। 
तब साधक करता रहे हर पल यह अहसास। 

नाहं मन्ये सुवेदेति नो न वेदेति वेद च। 
यो नस्तद्वेद तद्वेद नो न वेदेति वेद च।। 2।।

ना जानूँ अच्छी तरह ना हूँ मैं अनजान। 
जाने भी जाने नहीं  हम में उस को ज्ञान।
जब यह माना है नहीं मुझको पूरा ज्ञान। 
सत्य कथन से हो रहा परम सत्य का भान। 
तब कहता ऐसा नहीं सब कुछ है अज्ञात। 
मैं 'भी' इस को जिमि संतन को ज्ञात। 

यस्यामतं तस्य मतं मतं यस्य न वेद सः। 
अविज्ञातं विजानतां विज्ञातमविजानतम्।। 3।।

जो समझे मैं जानता उस को है अज्ञात। 
जो समझे जानूँ नहीं उसे परमसत ज्ञात। 
बाह्य जगत का बोध इन्द्रियों के कारण ही हो पाता है। 
मैं को मैं पन को छोड़े तब ही अंतर्मन को पाता है। 
धीरे-धीरे आत्म के निकट पहुँचता आन। 
प्रभु प्रभाव औ'पराभक्ति से सके स्वयं को जान। 
साधक करता अथक साधना जागृत ज्ञान चक्षु हो जाता। 
और इसी से वह साधक अपने को परम सत्य को पाता। 

प्रतिबोधविदितं मतममृतत्वं हि विन्दते ।
आत्मना विन्दते वीर्यं विद्यया विन्दतेऽमृतम्।। 4।।

माध्यम अन्तर्ज्ञान है इससे लेता सब कुछ जान। 
सच्ची शक्ति मिले आत्मा से विद्या से अमृत का दान। 
भँवर उठे ज्यों जल समूह में वैसे उठें विचार। 
जन्में बढ़ते करें नृत्य फिर हो जाता संहार। आत्मा की ही झलक से होता इनका भान। 
साक्षी है आत्मा स्वयं उसे अछूता जान। 
जागृत सुप्तावस्था औ' स्वप्नावस्था तीन। 
देखे साक्षी की तरह आत्मा रहे अलीन। 
इस साक्षी को जिस समय साधक ले पहचान। 
मैं औ' मैं पन सब मिटें बाह्य जगत के भान। 
इससे है आनन्द सत्य है साक्षी इस को जान। 
स्वयं और आत्मा मिलें परे ज्ञान अज्ञान। 

इह चेदवेदीदथ सत्यमस्ति न चेदिहावेदीन्महती विनष्टिः। 
भूतेषु भूतेषु विचित्य धीराः प्रेत्यास्माल्लोकादमृता भवन्ति।। 5।।

यदि जान ले मानव शरीर से, ब्रह्म को इस बार ही। 
जो कुछ भी पा सकता, मिला, उसका हुआ उद्धार ही। 
जाना कि मैं हूँ आत्मा, औ' देह नश्वर है यहाँ । 
वह पा गया अमृतत्व को, अब देह की चिंता कहाँ ? 
मानव जनम में जो न समझा, देह देही भेद । 
गई निरर्थक योनि यह, माँ श्रुति करतीं खेद । 
........ द्वितीय खण्ड समाप्त....... 

ब्रह्म ह देवेभ्यो विजिग्ये
तस्य ह ब्रह्मणो विजये देवा अमहीयन्त।। 1।।

ब्रह्म ने दानव विजय की देव उल्लासित हुए। 
यह विजय दिखला रही है श्रेष्ठ योद्धा देव ही। 

त एक्षनतास्माकमेवायं विजयोऽ-
स्माकमेवायं महिमेति ।
तद्वैषां विजज्ञौ तेभ्यो ह प्रादुर्वभूव
तन्न व्यजानत किमिदं यक्षमिति।। 2।।

देव जीते युद्ध में था ब्रह्म का आभार। 
जीते हैं दानव सभी गर्वित देव अपार। 
सोचा देवों की विजय महिमा अपरम्पार। 
हर्षित गर्वित देव थे सत्य से निराधार 
प्रकट हुए आकाश में ब्रह्म यक्ष के रूप। 
देवों ने देखा न था ऐसा ब्रह्म स्वरूप। 

तेऽग्निमब्रुवञ्जातवेद एतद् विजानीहि
किमिदं यक्षमिति तथेति।। 3।।

जा कर पता लगाइए अग्निदेव ये कौन? 
माने अग्नि कि देख लें 
शक्तिपुञ्ज ये कौन? 

तदभ्यद्रवत्तमभ्यवदत् कोऽसीति अग्निर्वा
अहमस्मीत्यब्रवीज्जातवेदा वा अहमस्मीति।। 4।।

द्रुत गति से जा अग्नि ने देखा यक्ष महान। 
कहा यक्ष ने कौन हो? जातवेद पहचान! 

तस्मिंस्त्वयि किं वीर्य मित्यपीदं सर्वं
दहेयं यदिदं पृथिव्यामिति।। 5।।

शक्ति कितनी आप में जब यक्ष ने पूछा वहीं। 
जो कुछ जहाँ है जगत में मैं भस्म कर सकता वहीं 

तस्मै तृणं निदधावेतद्दहेति। 
तदुपप्रेयाय सर्वजवेन तन्न शशाक दग्धुं
स त्त एव निववृते। 
नैतदशकं विज्ञातुं यदेतद्यक्षमिति।। 6।।

तब एक तिनका सामने रख कर कहा कि जलाइए। 
मैं देख लूँ क्षमता तुम्हारी इसे जला दिखाइए। 
निज शक्ति पूरी लगा दी पर तृण जला तब भी नहीं। 
तो अग्नि लौटे कह दिया मैं जान कुछ पाया नहीं। 

अथ वायुमब्रुवन्वायवेतद् विजानीहि
किमेतद्यक्षमितितथेति।। 7।।

जानेकैसी शक्ति है यह अंबर में आज। 
वायुदेव जा कीजिए देवों का यह काज। 

तदभ्यद्रवत्तमभ्यवदत्कोऽसीति वायुर्वा
अहमस्मीत्यब्रवीन्मातरिश्वा वा अहमस्मीति।। 8।।

जा कर देखा यक्ष को पूछा उस  ने कौन? 
वायु देव हूँ मैं कहा गर्व सहित फिर मौन।

तस्मिंस्त्वयि किं वीर्यमित्यपिदं
सर्वमाददीय यदिदं पृथिव्यामिति।। 9।।

क्या कर सकते हैं उन्हें यक्ष कहें मुस्काय। 
अपने वेग प्रचण्ड से दूँ मैं शैल गिराय। 

तस्मै तृणं निदधावेतदादत्स्वेति तदुपप्रेपाय
सर्वजवेन तन्न शशाकादातुं स त्त एव निववृते नैतदशकं विज्ञातुं यदेतद्यक्षमिति।। 10।।

तिनका रख कर यक्ष ये बोलें मुझे दिखायँ
पूर्ण शक्ति औ वेग से इसको तनिक हिलायँ।
असफल हो लौटे कहा मैं न सका कुछ जान। 
देवों ने की प्रार्थना इन्द देव से आन। 


अथेन्द्रमब्रुवन्मघवन्नेतदद्विजानीहि
किमेतद्यक्षमिति तथेति तदभ्यद्रवत्तस्मात्तिरोदधे।। 11।।


यक्ष हुए अदृश्य खोजते जहँ तहँ देवाधीश। 
वहीं दिखीं तब हिमसुता उमा दिया आशीश। 


स तस्मिन्नेवाकाशे स्त्रियमाजगाम
बहुशोभमानामुमां हैमवतीं
तांहोवाच किमेतद्यक्षमिति।। 12।। 


यक्ष हुए अदृश्य खोजते जहँ तहँ देवाधीश
वहीं दिखीं तब हिमसुता उमा दिया आशीश।
पूछा उन से कौन थीं दिव्य शक्ति इस स्थान। 
परमशक्ति थीं इस जगह यक्षरूप में आन। ।। इति तृतीय खण्डः।। 

।। अथ चतुर्थ खण्ड।। 

सा ब्रह्मेति होवाच
ब्रह्मण वा एतद्विजये महीयध्वमिति
ततो हैव  विदाच्चकार ब्रह्मेति।। 1।।

इन्द्र उन्ही की शक्ति से देव भये बलवान। 
विजय उन्ही की थी जिसे अपनी लीनी मान। 

तस्माद्वा एते देवो अतितरामिवान्यान्देवान्यदग्निर्वायुरिन्द्रस्ते
ह्येनन्नेदिष्ठं पस्पृशुस्ते ह्येनत्प्रथमो विदाच्चकार ब्रह्मेति।। 2।।

विजय हमारी थी रही देवों की ही शान। 
गर्वभंग के वास्ते यक्ष रूप धर आन। अग्नि वायु और इन्द्र ने लेकिन किया प्रयास। 
इसीलिए तो ब्रह्म के पहुँचे इतने पास। 

तस्माद्वा इन्द्रोऽतितरामिवान्यान्देवान्स
ह्येनन्नेदिष्ठं पस्पर्श
स ह्येनत्प्रथमो विदाच्चकार ब्रह्मेति।। 3।।

इन्द्र उत्तम अन्य देवों से निकट सबसे गए। 
वे प्रथम थे जान पाए ब्रह्म सतत प्रयास से

तस्यैष आदेशो
यदेतद्विद्युततो व्यद्युतदा 3 इतीन्न्यमीमिषदा 3 इत्यधिदैवतम् ।। 4।।

इस कथा के रूप में यह ब्रह्म का विस्तार था। 
क्षण भर चमक विद्युत सदृश ही ब्रह्म साक्षात्कार था। 

अथाध्यात्मं यदेतद्गच्छतीव च मनोऽनेन
चैतदुपस्मरत्यभीक्ष्णंसङ्कल्पः।। 5।।

जब विचार हो शांत इक उठता अन्य विचार। 
है क्षणांश इस मध्य में जब नहीं कोई विचार। 
वही समय है सत्य के होता है नर पास । 
आत्मा साक्षात्कार का होय सहज आभास। 

यद्ध तद्वनं नाम तद्वनमित्युपासितव्यं
स य एतदेवं वेदाभि हैनं
सर्वाणि भूतानि संवाञ्छन्ति।। 6।।

जो उपासक कर रहा है शांत मन से भक्ति को। 
शुद्ध होता मन व पाता स्वयं ही उस शक्ति को। 

उपनिषदं भो ब्रूहित्युक्ता त उपनिषदब्राह्मी
वाव त उपनिषदमब्रूमेति।। 7।।

गुरुवर मुझ को दीजिए उपनिषदों का ज्ञान। 
शिष्य कर चुका मैं तुम्हें सारा ज्ञान प्रदान।

तस्यै तपो दमः कर्मेति प्रतिष्ठा
वेदाः सर्वाङ्गानि सत्यमायतनम्।। 8।।

तप दम कर्म स्तम्भ हैं वेद ज्ञान अनुदान। वेद स्वयं शाखा रहीं अंतिम सत्य स्थान। 

यो वा एतामेवं वेदापहत्य पाप्मानमनन्ते
स्वर्ग लोके ज्येये प्रतितिष्ठति प्रतितिष्ठति 
।। 9।।

इस तरह जो जान लेता उपनिषद के ज्ञान को। 
पाप मिट जाते मिले वह ब्रह्म से सम्मान को। 

इति चतुर्थ खण्ड। 

शान्ति पाठ... आरंभ की भाँति..... 























TO ADDY WITH LOVE

Coincidental are Christ's and your date of birth.
Not only us, christian world is also full of mirth. 
May God give all you want 'n grant your schemes.
May you occupy a class, all beyond our dreams. 
..
.. Ravi Maun.....

May God grant, all you want, give Philip to your schemes.
Your name' n fame, tame 'n claim well beyond our dreams..

Wednesday, 16 December 2020

AMIIR MIINAAI.. GHAZAL.. US KI HASRAT HAI JISE DIL SE MITAA BHII NA SAKUUN...

उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ।
ढूँढने उसको चला हूँ जिसे पा भी न सकूँ। 
Unfulfilled desire that I can't wipe from core. 
Going in her search, whom I can't procure.

डाल के ख़ाक मेरे ख़ून पे क़ातिल ने कहा। 
कुछ ये मेंहदी नहीं मेरी कि छुपा भी न सकूँ। 

Covering my blood with dust,  assassin said.
This isn't henna, that I can't obscure. 

ज़ब्त कम-बख़्त ने याँ आ के गला घोंटा है।
कि उसे हाल सुनाऊँ, तो सुना भी न सकूँ।

Control has throttled me at this site.
Even if I want, can't tell her love-lore.

नक़्शे पा देख तो लूँ, लाख करूँगा सजदे। सर मिरा अर्श नहीं है, जो झुका भी न सकूँ।

Let me see footsteps, 'll genuflex  lac times.
My head isn't sky, that I can bend no more.

बेवफ़ा लिखते हैं वो, अपने क़लम से मुझ को। 
ये वो क़िस्मत का लिखा है कि मिटा भी न सकूँ। 

By her own pen," faithless" I' ve  been named.
That's my fate. I can't wipe the score. 

इस तरह सोए हैं सर रख के मिरे ज़ानू पर। 
अपनी सोई हुई क़िस्मत को जगा भी न सकूँ। 

With her head on my thighs, she has slept.
I can't awake my sleeping fate anymore. 

Tuesday, 15 December 2020

NASIR KAZMI.. GHAZAL.. TIRE AANE KAA DHOKAA HO RAHAA HAI

तिरे आने का धोका हो रहा है।
दिया सा रात भर जलता रहा है।

 A trick that you've come, is in sight. 
As if a lamp is glowing all night. 

अजब है रात से आँखों का आलम। 
ये दरिया रात भर चढ़ता रहा है। 

This stream is waxing all along. 
Strange is state of eyes all night. 

सुना है रात भर बरसा है बादल। 
मगर वो शहर जो प्यासा रहा है। 

That city, which keeps thirsty still. 
It's heard, clouds've rained all night. 

वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का। 
जो पिछली रात से याद आ रहा है। 

He was a friend of good old days, 
Whose memory keeps coming all night. 

किसे ढूँढोगे अब गलियों में 'नासिर'? 
चलो अब घर चलें, दिन जा रहा है। 

O 'Nasir' whom'll you search in lanes? 
Let's go home, day goes off light. 




NASIR KAZMI.. GHAZAL.. NIYYAT E SHAUQ MAR N JAAY KAHIIN...

निय्यते शौक़ मर न जाए कहीं।
तू भी दिल से उतर न जाए कहीं। 

Intention to love may not die.
From my heart, you may untie. 

आज देखा है तुझ को देर के ब'अद। 
आज का दिन गुज़र न जाए कहीं। 
I saw you after so long, today. 
This day may not just pass by. 

न मिला कर उदास लोगों से। 
हुस्न तेरा बिखर न जाए कहीं। 

Do not mingle with sad men. 
Your beauty may just spill by. 

आरज़ू है कि तू यहाँ आए। 
और फिर उम्र भर न जाए कहीं। 

It's a desire that you come here
And stay for life, don't say bye. 

जी जलाता हूँ और सोचता हूँ। 
रायगाँ ये हुनर न जाए कहीं। 

I burn my heart and so think. 
This art may not waste and die.

अभी कुछ और रो ही लें 'नासिर'। 
फिर ये दरिया उतर न जाए कहीं। 

O'Nasir'! Weep a little more. 
This stream may wane, 'n dry. 




NASIR KAZMI.. GHAZAL.. APNI DHUN MEN RAHTAA HUUN...

 अपनी धुन में रहता हूँ।
मैं भी तेरे जैसा हूँ। 

In my ardour, I have flown. 
I am like you, now've known.

ओ पिछली रुत के साथी। 
अब के बरस मैं तन्हा हूँ। 

O pal of weather bygone. 
This year, I am all alone.

तेरी गली में सारा दिन। 
दुःख के कंकर चुनता हूँ। 

Day long, in your lane O mate! 
I gather pebbles of sad tone. 

मुझ से आँख मिलाए कौन? 
मैं तेरा आईना हूँ। 

Who can have the guts to see? 
I am your mirror, well shown. 

मेरा दिया जलाए कौन ? 
मैं तिरा ख़ाली कमरा हूँ। 

Who will light my lamp? 
I am your room, so lone. 

तू जीवन की भरी गली। 
मैं जंगल का रस्ता हूँ। 

You are lane, full of life. 
I am jungle path, so lone. 

आती रुत मुझे रोएगी। 
जाती रुत का झोंका हूँ। 

Weather to come, 'll cry for me. 
I am waft of air, bygone. 

अपनी लहर का अपना रोग। 
दरिया हूँ और प्यासा हूँ। 

Each wave ails for itself. 
 Sea is thirsty, can not moan. 




Sunday, 13 December 2020

NASIR KAZMI.. GHAZAL.. DIL DHADAKNE KA SABAB YAAD...

दिल धड़कने का सबब याद आया।
वो तेरी याद थी अब याद आया। 

The reason of heart throb, I now recall. 
It was your memory, I now recall.

आज मुश्किल था संभलना ऐ दोस्त। 
तू मुसीबत में अजब याद आया। 

Today, it was difficult to keep balance. 
It's strange, in trouble to you I recall. 

दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से। 
फिर तिरा वादा - ए - शब याद आया।

With a lot of trouble, day was passed. 
Your promise to meet at night I recall. 

तेरा भूला हुआ पैग़ाम- ए- वफ़ा।
मर रहेंगे मगर अब याद आया। 

That long forgotten letter of faith. 
Will die for sure, if now I recall.

फिर कई लोग नज़र से गुज़रे।
फिर कोई शहर- ए- तरब याद आया।

Many persons have passed in view. 
Your city of music, I now recall.

हाल- ए- दिल हम तो सुनाते लेकिन।
जब वो रुख़सत हुआ तब याद आया। 

I could talk about state of heart. 
When he left,then could I recall. 

बैठ कर साया- ए- गुल में 'नासिर'।
हम बहुत रोए वो जब याद आया। 

In the shade of flowers O 'Nasir'.
I wept a lot for her, I recall. 

Friday, 11 December 2020

NASIR KAZMI.. GHAZAL.. DIL MEN IK LAHAR SII UTHII HAI..

दिल में इक लहर सी उठी है अभी।
कोई ताज़ा हवा चली है अभी। 

As if from heart, a wave has flown now. 
As if some fresh breeze has blown now.

कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी। 
और ये चोट भी नई है अभी।

I am a very sensitive person too. 
This hurt is so fresh known now.

शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में।
कोई दीवार सी गिरी है अभी। 

In my heart, there's a lot of noise.
As if a wall's collapsed in cyclone now.

भरी दुनिया में जी नहीं लगता। 
जाने किस चीज़ की कमी है अभी। 

 Heart doesn't settle in whole world.
What's it lacking that I still groan now.

तू शरीक- ए- सुख़न नहीं है तो क्या?
हमसुख़न तेरी ख़ामुशी है अभी। 

What if you aren't involved in verse.
Agreeable is your silence as stone now.

याद के बेनिशाँ जज़ीरों से। 
तेरी आवाज़ आ रही है अभी। 

From the trace less memory islands, 
Your voice to my ears has flown now. 

शहर की बे चिराग़ गलियों में। 
ज़िन्दगी तुझ को ढूँढती है अभी। 

In these lamp less lanes of the city. 
Life still looks for you as wishbone now.

सो गए लोग उस हवेली के। 
एक खिड़की मगर खुली है अभी। 

 All persons of that home have slept. 
But an open window is still known now. 

 तुम तो यारो अभी से उठ बैठे। 
शहर में रात जागती है अभी। 

O friends! You have stood so early. 
Night in the city is full grown now. 

वक़्त अच्छा भी आएगा 'नासिर'। 
ग़म न कर , ज़िन्दगी पड़ी है अभी। 

  O Nasir, good times will also come. 
Life still remains, don't moan now. 




Wednesday, 9 December 2020

NASIR KAZMI.. GHAZAL.. TUU JAB MERE GHAR AAYA THA...

तू जब मेरे घर आया था।
मैं एक सपना देख रहा था। 


When to my home your had gone. 
I was lost in deep dream zone.

पहली बारिश भेजने वाले।
मैं तिरे दर्शन का प्यासा था। 

O sender of the very first rain. 
Of your look I was thirsty to bone. 

चाँद की धीमी धीमी ज़ौ में। 
साँवला मुखड़ा लौ देता था। 

In light glow of the moon. 
Blue black face had shone. 

शाम का शीशा काँप रहा था। 
पेड़ों पर सोना बिखरा था। 

Trembling was the evening mirror. 
On the trees gold was thrown. 

जगमग जगमग कंकरियों का।
दश्ते फ़लक में जाल बिछा था।

Of the pebbles, shining, twinkling. 
On  sky jungle, net was thrown. 

दिन का फूल अभी जागा था। 
धूप का हाथ बढ़ा आता था। 

  Day flower had just got up. Hand of sunlight had grown. 

  धूप के लाल हरे होंटों ने। 
तेरे बालों को चूमा था। 

 By the red green lips of sun. 
Your tresses were kissed atone

दिल को यूँ ही रंज है वर्ना। 
तेरा मेरा रिश्ता क्या था? 

Heart's sad for nothing, or else
No relation in us had grown. 

तन्हाई मिरे दिल की जन्नत। 
मैं तन्हा हूँ, मैं तन्हा था। 

 Solitude is heaven of heart.
 I am alone, I was alone. 
 










Tuesday, 8 December 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. AAS HOGI NA AASRA HOGA..

आस होगी न आसरा होगा।
आने वाले दिनों में क्या होगा?

Neither a hope nor guard for some. 
What 'll be there in times to come?

मैं तुझे भूल जाऊँगा इक दिन। 
वक़्त सब कुछ बदल चुका होगा। 

Some day I will forget you.
Time'll change the total sum.

नाम हमने लिखा था आँखों में। 
आँसुओं ने मिटा दिया होगा। 

I wrote my name in her eyes.
With tears what can be outcome.

कितना दुश्वार था सफ़र उस का। 
वो सरे शाम सो गया होगा। 

His travel must have been tough. 
Who slept before njght had come. 

पतझड़ों की कहानियाँ पढ़ना। 
सारा मंज़र किताब सा होगा। 

It will be a book scene. 
Just learn stories of autumn. 

 आसमाँ भर गया परिन्दों से।
पेड़ कोई हरा गिरा होगा। 

A green tree must have fallen. 
Sky has birds to fill vacuum. 

Sunday, 6 December 2020

AHMAD FARAZ.. GHAZAL.. SUNA HAI BOLE TO BAATON..

सुना है बोले तो बातों से फूल झरते हैं 
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं। 

Flowers flow down as she speaks, it's said.
If such is the case, let's talk, go ahead. 

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं। 
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं। 

People look at her open eyed, it's said. 
Let me stay in her city for few days 'n tread. 

सुना है रात उसे चाँद तकता रहता है। 
सितारे बाम-ए-फ़लक से उतर के देखते हैं।

That moon keeps gazing at her all night. 
Stars leave high skies 'n watch instead.

सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं। 
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं। 

 Glow worms look at her face at night.
Butterflies trouble her at day, it's said. 

बस इक निगाह से लुटता है कारवाँ दिल का। 
सो रहरवान-ए-तमन्ना भी डर के देखते हैं। 
The caravan of heart is lost by a look. 
Fellow travellers of desire see  her in dread. 

सुना है उस की  सियहचश्मगी क़यामत है 9८  ै 

सुना है उसके बदन की तराश ऐसी है। 
कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं। 
That the flowers split their covers to watch. 
The cuts of her body are so shapely, it's said.

सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें।
सुना है उसको हिरन दश्त भर के देखते हैं। 

Her deer eyes cast a spell of the doom. 
All deers of the jungle keep looking unfed. 

सुना है रात से बढ़ कर हैं काकुलें उसकी।
सुना है शाम को साए गुज़र के देखते हैं। 

Her tress are said to be longer than night. 
Shadows glide by to see  as eve' is lead. 

सुना है उस के शबिस्ताँ से मुत्तसिल है बहिश्त।।
 मकीं उधर के भी जलवे इधर के देखते हैं। 

Heaven is so near her night abode. 
Those living there oogle this way instead. 

सुना है रब्त है उसको ख़राब हालों से। 
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं। 

Has affinity for those whose state is bad. 
So I'll also ruin myself, well ahead. 

सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उसकी। 
सो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं। 

Her graceful eyes have a passion for pain. 
So I 'll also through her lane tread. 

सुना है उसको भी है शे' र-ओ-शायरी से शगफ़। 
सो हम भी मोजिज़े अपने हुनर के देखते हैं। 

She too is known to have ardour for verse. 
So, wonders of my verse can also be read. 

सुना है उस के लबों से गुलाब जलते हैं। 
सो हम बहार पे इल्ज़ाम धर के देखते हैं। 

Roses are envious, scorched by her lips. 
So let's frame the blame on spring instead. 

सुना है जब से हमाइल हैं उस की गर्दन में। 
मिज़ाज और ही लाल-ओ-गुहर के देखते हैं। 

Since the time they adorn her neck. 
Mood of rubies, pearls is so special instead. 

सुना है उस की सियह - चश्मगी क़यामत है। 
सो उस को सुरमा फ़रोश आह भर के देखते हैं। 

Her dark eyedness is the day of resurrection. 
Kohl sellers sigh looking at her, it's said. 

बस इक निगाह से लुटता है क़ाफ़िला
 दिल का। 
सो रहरवान-ए-तमन्ना भी डर के देखते हैं। 
The gathering of heart is lost by a look. 
Fellow travellers of desire see her in dread. 

सुना है चश्म-ए-तसव्वुर से दश्त - ए-इम्काँ में। 
पलंग ज़ाविए उसकी कमर के देखते हैं। 

A forest  of possibilities is for thoughtful eye. 
Panthers look at the angle of her waist ahead. 

वो सर्व-क़द है मगर बे-गुल-ए-मुराद नहीं। 
कि उस शजर पे शगूफ़े समर के देखते हैं। 
She is tall 'n graceful with fulfilling flowers. 
On that tree, buds see fruit overhead. 

किसे नसीब कि बे-पैरहन उसे देखे। 
कभी-कभी दर-ओ-दीवार घर के देखते हैं। 

Who has fortune to see her undressed. 
At times, wall' n windows to this view are fed. 

कहानियाँ ही सही सब मुबालग़े ही सही। 
अगर वो ख़्वाब है ताबीर कर के देखते हैं 

May be these are stories, exaggerated state. 
If it's a dream, to fulfilment it be lead. 

अब उसके शहर में ठहरें कि कूच कर जाएँ। 
'फ़राज़' आओ सितारे सफ़र के देखते हैं। 

Whether to stay in her city or move. 
O 'Faraz' have stars of travel well read. 



Thursday, 3 December 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. JATE HO TO LE JAO YAADEN BHI....

जाते हो तो ले जाओ यादें भी मेरे दिल से। इन शम्ओं का क्या रिश्ता उजड़ी हुई महफ़िल से।

While you leave from heart take memories of your name.
What relation is between deserted gathering 'n flame.

इस बार सफ़र से हम किस शान से लौटे हैं। 
माँ बाप ने पहचाना हम को बड़ी मुश्किल से। 

Even my parents recognised me with trouble. 
This time I am back from the journey with fame. 

सूरज से बचाएँगे बादल के जज़ीरे क्या। 
तुमने भी ज़मीं माँगी बहते हुए साहिल से

How islands of clouds 'll save from sun? 
From floating bank how land you can claim. 

अंजान सी राहों में मैं इस लिए फिरता हूँ। 
आवाज़ हमें देगा शायद कोई मंज़िल से। 

Someone  will call me from the goal. 
I roam on unknown roads with this aim. 

दिल फूलों की बस्ती है और फूल भी यादों के। 
इक रात यहीं ठहरो जाओ न अभी दिल से। 

Heart's a town of flowers 'n that too of memories. 
Stay for a night, don't leave the heart O dame. 

ज़िंदाँ के अंधेरे भी तारीक नहीं होते। 
किरनें भी चमकती हैं नग़माते सलासिल से। 

Darkness of prison isn't all that bleak. 
Sparks also come from verse chains that tame. 
 




Wednesday, 2 December 2020

BASHIR BADR.. GHAZAL.. TEER NAZRON KE TO PALKON KI....

तीर नज़रों के तो पलकों की कमाँ रखते हैं।
उनकी क्या बात है फूलों की ज़ुबाँ रखते हैं। 

On bows of eyebrows, sight arrows explore. 
What to tell, she has flowery tongue to score. 

हम तो आँखों में सँवरते हैं वहीं सँवरेंगे। 
हम नहीं जानते आईने कहाँ रक्खे हैं। 

I've dressed in your eyes, will dress there. 
I know not where mirror is kept 
In store. 

अपने क़ातिल भी उसी रोज़ से शर्मिंदा हैं।
हम भी ख़ामोश बहुत अपनी ज़ुबाँ रक्खे हैं। 

My assassin's are also ashamed since then. 
My tongue too is quiet, speaks no more. 

 दिल कभी रेत का साहिल नहीं होने देते। 
हम ने महफ़ूज़ वो क़दमों के निशाँ रक्खे हैं। 

I have  those delicate footprints
My heart can't become a sandy shore. 

जिन पे तहरीर हैं बचपन की मुहब्बत अपनी। 
अब मिरे घर के वो दरवाज़े कहाँ रक्खे हैं।

Where are those doors of my home. 
On which is scrolled childhood love-lore. 





BASHIR BADR.. GHAZAL.. AANSUON SE DHULI KHUSHI...

आँसुओं से धुली ख़ुशी की तरह।
रिश्ते होते हैं शायरी की तरह। 

Washed with tears of pleasure. 
Relations are poetic composure. 

हम ख़ुदा बन के आएँगे वरना। 
हम से मिल जाओ आदमी की तरह। 

I'll come in the form of God.
Or meet me as man at leisure. 

बर्फ़ सीने की जैसे जैसे गली। 
आँख खुलती गई कली की तरह।

As the ice in chest melted. 
Eyes opened as buds exposure.

जब कभी बादलों में घिरता है। 
चाँद लगता है आदमी की तरह। 

Whenever clouds surround it. 
Moon's a man made to measure. 

किसी रोज़न किसी दरीचे से। 
सामने आओ रोशनी की तरह। 

Through some door or window
Come as light from embrasure. 

सब नज़र का फ़रेब है वरना। 
कोई होता नहीं किसी की तरह।

It's simply a fault of vision. 
None's like other in measure. 

 ख़ूबसूरत उदास ख़ौफ़ज़दा ।
वो भी है बीसवीं सदी की तरह। 

Beautiful, sad, frightened. 
She's twentieth century, it's measure. 

जानता हूँ कि एक दिन मुझको। 
वो बदल देगा डायरी की तरह। 

I know some day as a diary. 
He will change me at leisure.