Wednesday, 16 December 2020

AMIIR MIINAAI.. GHAZAL.. US KI HASRAT HAI JISE DIL SE MITAA BHII NA SAKUUN...

उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ।
ढूँढने उसको चला हूँ जिसे पा भी न सकूँ। 
Unfulfilled desire that I can't wipe from core. 
Going in her search, whom I can't procure.

डाल के ख़ाक मेरे ख़ून पे क़ातिल ने कहा। 
कुछ ये मेंहदी नहीं मेरी कि छुपा भी न सकूँ। 

Covering my blood with dust,  assassin said.
This isn't henna, that I can't obscure. 

ज़ब्त कम-बख़्त ने याँ आ के गला घोंटा है।
कि उसे हाल सुनाऊँ, तो सुना भी न सकूँ।

Control has throttled me at this site.
Even if I want, can't tell her love-lore.

नक़्शे पा देख तो लूँ, लाख करूँगा सजदे। सर मिरा अर्श नहीं है, जो झुका भी न सकूँ।

Let me see footsteps, 'll genuflex  lac times.
My head isn't sky, that I can bend no more.

बेवफ़ा लिखते हैं वो, अपने क़लम से मुझ को। 
ये वो क़िस्मत का लिखा है कि मिटा भी न सकूँ। 

By her own pen," faithless" I' ve  been named.
That's my fate. I can't wipe the score. 

इस तरह सोए हैं सर रख के मिरे ज़ानू पर। 
अपनी सोई हुई क़िस्मत को जगा भी न सकूँ। 

With her head on my thighs, she has slept.
I can't awake my sleeping fate anymore. 

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