Sunday, 24 January 2021

23......couplets of various poets.

भटकता फिर रहा था ग़म, लिपट कर मुझसे ये बोला।
कहाँ जाऊँ, तुम्हीं को शहर भर में जानता हूँ मैं।......... नदीम शाद.... 

Grief was wandering, embraced me 'n gave the clue.
Where to go, in this city I know none other than you. 

नज़र झुक रही है ख़ामोशी है लब पर। 
हया है अदा है कि अनबन है क्या है
.... कौसर मज़हरी......

Drooping are eyes, lips silent, tame.
What is it, quarrel, style or shame?

ये ज़िन्दगी भी अजब कारोबार है कि मुझे। 
ख़ुशी है पाने की कोई न रंज खोने का। 
       जावेद अख्तर 

Strange is business of life that when I choose. 
Neither there is pleasure to get, nor grief to lose. 

दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं। 
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं।

Flowers of pain bloom 'n scatter with time.
All types of wounds get healed with time.

ये चार दिन के तमाशे हैं आह दुनिया के। 
रहा जहाँ में सिकंदर न और न जम बाक़ी
    भारतेंदु हरिश्चंद्र 

It's nothing but world on show of four days.
Neither Alexander nor Jamshed crossed scenes in the plays. 

किसी करवट नहीं चैन आता है उश्शाक़ को तेरे। 
तड़पते हैं फ़ुगाँ करते हैं और करवट बदलते हैं।  भारतेंदु हरिश्चंद्र 

Your lovers aren't at peace any way, fail.
They flutter, turn sides and then wail.

ग़ाफ़िल इतना हुस्न पे ग़र्रा ध्यान किधर है तौबा कर। 
आख़िर इक दिन सूरत ये भी मिट्टी में मिल जाएगी।

Why be proud of beauty, feel repentant 'n hurt.
Finally this face too will get mixed with dirt. 

छानी कहाँ न ख़ाक न पाया कहीं तुझे
मिट्टी मिरी ख़राब अबस दर-ब-दर हुई
          भारतेंदु हरिश्चंद्र

I combed all dust but didn't find you to say. 
For nothing, my soil was littered every way. 

रुख़-ए-रोशन पे उस के गेसू-ए-शब यूँ लटकते हैं। 
क़यामत है मुसाफ़िर रास्ता दिन को भटकते हैं। ... भारतेंदु हरिश्चंद्र... 

From shiny face the night tresses hang down scale. 
It's so tragic that travellers, at day lose trail. 


वो हमसफ़र था मगर उस से हमनवाई न थी। 
कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई न थी। ....... नसीर तुराबी.....

Not like minded but together, journey we made.
It wasn't departure, just sun and shade. 

ज़िन्दगी के सारे मौसम आ के रुख़सत हो गए। 
मेरी आँखों में कहीं बरसात बाक़ी रह गई।... अज़ीज़बानो दारान वफ़ा... 

All weathers of life left without complain. 
Only my eyes just continued to rain. 

 उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद। 
कट रही है ज़िन्दगी आराम से। 
..... मशहर इनायती..... 

Her grief, thoughts 'n memories lace. 
Life is going at a peaceful pace. 

ये इल्म का सौदा ये रिसाले ये किताबें। इक शख़्स की यादों को भुलाने के लिए हैं।.... जाँ निसार अख़्तर.... 

These books, periodicals, knowledge scan. 
Are meant to forget memories of a man. 

तुम से छुट कर भी तुम्हें भूलना आसान न था। 
तुम को ही याद किया तुम को भुलाने के लिए।.... निदा फ़ाज़ली..... 

After parting with you, it wasn't easy to forget. 
I had to remember you in an attempt to forget. 

तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी।
कुछ अपना हाल संभालूँ अगर इजाज़त हो ।... जान एलिया... 

In your memory there 's a desire to live now. 
Let me get a bit settled, if you so allow. 

ये माना शीशा-एश-दिल रौनक़-ए-बाज़ार - ए-उल्फ़त है। 
मगर जब टूट जाता है तो क़ीमत और होती है।...... विमिक़ जौनपुरी

I know that glass heart is showpiece of love mart. 
But when it breaks, cost is different for each part. 

शीशा-ए-दिल को यूँ न उठाओ। 
देखो हाथ से छूटा होता ! 

Don't lift glass heart this way in hand. 
Just look it could have slipped from hand. 

क्या ख़बर है न मिले फिर कोई शीशा ऐसा। 
ख़ुद को छूता हुआ डरता हूँ शिकस्ता ऐसा। 

May be I won't get such a glass at any cost. 
I am afraid of touching the self, am so lost. 

वो मेरे शीशा-ए-दिल पर ख़राश छोड़ गया। 
दयार - ए-रूह में इक इर्तिआश छोड़ गया।..... हीरानंद सोज़.... 

He has left a scratch on the glasshouse of my heart. 
He left trembling the stretch of soul in each part. 

मैं शीशा क्यूँ न बना आदमी बना क्यूँ कर। 
मुझे तो उम्र लगी टूट फूट जाने में। 
......... नाज़ क़ादरी...... 

Why wasn't I a glass to be man with a goal. 
It took me a lifetime to be broken as a whole. 

ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इश्क़। 
पर हक़ीक़त में जाँफ़ज़ा है इश्क़। 
...... अब्दुल ग़फ़ूर नस्साख़...... 

Apparently love is nothing but death. 
But really love gives life in breath. 

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद ।
उनको ये इंतज़ार तकाज़ा करे कोई ।
    .... मजाज़.... 

I had the desire that she should unveil her face. 
While she wanted me to have the asking grace. 

जो कहा मैंने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर। 
हँस के कहने लगे और आप को आता क्या है?... अकबर इलाहाबादी... 

When I told that I love her from head to toe. 
She smiled and said, what else do you know? 





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