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Thursday, 18 March 2021

जिस्म में जान है कोशिशें कीजिए

जिस्म में जान है कोशिशें कीजिए
बस यही ज़ीस्त के चंद आदाब हैं। 
तुम को मंज़िल मिले या तजुर्बा मिले
यार चीज़े तो दोनों ही नायाब हैं।
         रवि मौन 

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