सुंदर बुद्धिमान अलबेली।
जब से तुम को मैंने देखा।
खिली भाग्य की मानो रेखा।
कैसे यह तुझको समझाऊँ?
सुंदर सा क्या गीत बनाऊँ?
तुम मेरी प्यारी की प्यारी।
श्यामा है तुम पर बलिहारी।
तुम्हें चाहता है परिवार।
सारे करते जान निसार।
कुछ ऐसा कर के दिखलाओ।
दुनिया की नज़रों में छाओ।
जन्मदिवस का आशीर्वाद।
बिटिया रहो सदा आबाद।
...... रवि मौन.....
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