Saturday, 17 April 2021

संक्षिप्त कृष्ण लीला... हिन्दी पद्यानुवाद

आदौ देवकीदेवगर्भजननं गौपीग्रिहेवर्धनम् ।मायापूतनजीवतापहरणं गोवर्धनधारणम् ।कंसच्छेदनं कौरवादिहननं कुंतीसुतापालनम् ।एतद श्रीभागवद्गीता श्रीकृष्णलीलाकृतम्

देव देवकीगर्भ जन्म लें गोपीगृह में लालन। 
प्राण पूतना के पी गोवर्धन पर्वत कर धारण।
कंस मार कौरव संहार कर कुंतिसुतों को पाला ।
गीताज्ञान सुना कर हरि ने सब कुछ ही कह डाला ।

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