वैदेहिहरणं जटायुहननं सुग्रीवसम्भाषणम्।
वालिनिग्रहणं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चात रावणकुंभकरणहननं एतद् श्रीरामायणम् ।
राम गए वन तपोभूमि औ कंचन मृग को मारा।
वैदेही का हरण जटायु मरण सुग्रीव उबारा।
बालि मरण सागर तरण लंकपुरी को जारा ।रावण कुंभकरण मारे यह है रामायण सारा ।
No comments:
Post a Comment