Friday, 18 June 2021

ABDUL HAMEED ADAM.. GHAZAL.. BE SABAB KYUUN TABAAH HOTA HAI......

बे-सबब क्यूँ तबाह होता है?
फ़िक्र - ए-फ़र्दा गुनाह होता है।

Why get ruined  anyway ? 
Sin is to worry for next day. 

तुझ को क्या दूसरे के ऐबों से ? 
क्यूँ अबस रू-सियाह होता है ? 

Why find faults of others ? 
Why  be dark souled, say ? 

ज़क उसी से बहुत पहुँचती है। 
जो मिरा ख़ैर-ख़्वाह होता है। 

Only he inflicts more loss. 
My well wisher, so to say. 

मुझको तन्हा न छोड़ कर जाओ। 
ये ख़ला बेपनाह होता है। 

Vacuum is  unguarded. 
Don't leave alone, I pray. 






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