Monday, 26 July 2021

BHARTENDU HARISHCHANDRA'RASA' ..6...... COUPLETS

ग़ाफ़िल इतना हुस्न पे ग़र्रा ध्यान किधर है तौबा कर।
आख़िर इक दिन सूरत ये भी मिट्टी में मिल जाएगी।

Why be proud of beauty, feel repentant and hurt.
Some day this face too will get mixed with dirt.

ये चार दिन के तमाशे हैं आह दुनिया के। 
रहा जहाँ में सिकंदर न और न जम बाक़ी

It's nothing but world on show of four days. 
Neither Alexander nor Jamshed lasted scene beyond plays. 

न बोसा लेने देते हैं न लगते हैं गले मेरे। 
अभी कम उम्र हैं हर बात पर मुझसे झिझकते हैं। 

Neither she embraces nor allows to kiss. 
She is so young, at each step gives a miss. 

किसी करवट नहीं चैन आता है उश्शाक़ को तेरे। 
तड़पते हैं फ़ुगाँ करते हैं और करवट बदलते हैं। 

Your lovers aren't at peace on any scale. 
They flutter, turn sides and then wail. 

छानी कहाँ न ख़ाक न पाया कहीं तुम्हें। 
मिट्टी मिरी ख़राब अबस दर-ब-दर हुई।

I  combed all the dust but didn't find you to say. 
For nothing my soil remains were littered every way.

रुख़-ए-रौशन पे उस की गेसू-ए-शब यूँ लटकते हैं।
क़यामत है मुसाफ़िर रास्ता दिन को भटकते हैं। 

From her shiny face night tresses hang down scale. 
What a doom that travellers during day lose trail. 

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