Tuesday, 26 October 2021

AKHTAR ANSAARI A TETRAD

इन आँसुओं को टपकने दिया न था मैंने।
कि ख़ाक में न मिलें मेरी आँख के तारे। 
मैं इन को ज़ब्त न करता अगर ख़बर होती
पहुँच के क़ल्ब में बन जाएँगे ये अंगारे।

I had not allowed these tears to fall. 
Lesr these stars should be lost in dust. 
Wouldn't hold these had I known. 
Would be cinders for heart  'n that too a must. 

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