Wednesday, 27 October 2021

रवि मौन.... एक कविता

मैं प्यार तो तुझे करता हूँ आज भी उतना।
ज़ुबाँ पे आ नहीं सकती मगर कहानी अब। 
न जाने क्यूँ मुझे उम्मीद है, पढ़ोगी तुम। 
हमारी प्यार भरी अनलिखी कहानी कब। 

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