जो लगा अच्छा, किया मन से वही।
प्रेयसी, कविता कहूँ या डाक्टरी।
साथ जीवन भर निभाया जो गहा।
रहा गया कुछ काम दुःख इस का महा।
राष्ट्रभाषा में मधुर जो गीत हैं।
गाइए उन को रवि-संगीत में।
ज़िन्दगी की डोर टूटी बीच में।
आख़िरी ये काम था ऐ साथियो।
अलविदा ऐ दोस्तो ! ऐ साथियो !
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