Wednesday, 10 November 2021

A QAT'AA.. AKHTAR ANSARI

ये बोसीदा फटी गुदड़ी ये सूराख़ों भरी कमली ।
जिसे सब आसमाँ के नाम से मौसूम करते हैं।
तिरी रहमत पे क़ुर्बां इस को नीचे फेंक दे यारब ।
ज़मीं वाले बहुत रातों की सर्दी में ठिठुरते हैं। 

This old tattered sheet, with very many holes. 
Which is labelled sky by all on spot. 
By your grace, you gently let it slide. 
In chilly winter nights, people shiver a lot. 

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