Tuesday, 16 November 2021

BASHIR BADR.. GHAZAL.. HOTHON PE MOHABBAT KE FASAANE NAHIN AATE...

होटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते।
साहिल पे समंदर के ख़ज़ाने नहीं आते। 

From my lips don't emerge sweet love lore. 
Ocean doesn't throw it's treasure on shore. 

पलकें भी चमक उठती हैं सोते में हमारी। 
आँखों को अभी ख़्वाब छुपाने नहीं आते। 

My eyebrows glisten while deep in sleep. 
My eyes can not still dreams ignore. 

दिल उजड़ी हुई एक सराय की तरह है। 
अब लोग यहाँ रात बिताने नहीं आते। 

The heart is a deserted highway inn. 
To stay, people do not knock at it's door. 

यारो नए मौसम ने ये अहसान किए हैं। 
अब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते। 

O chums! New weather has been kind to me. 
Old pain now doesn't knock at the door. 

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में। 
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।

Let the birds fly in this frenetic wind. 
Childhood period won't come any more. 

इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं। 
ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते। 

Clouds of this city are like your tress. 
These can inflame but shower no more. 

अहबाब भी ग़ैरों की अदा सीख गए हैं। 
आते हैं मगर दिल को दुखाने नहीं आते। 

Friends have learnt the rival's style. 
They visit but no longer pain explore. 



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