Wednesday, 10 November 2021

BASHIR BADR..GHAZAL.. AGAR YAQIN NAHIN AATA TO AZMAYE MUJHE...

अगर यक़ीं नहीं आता तो आज़माते मुझे।
वो आईना है तो फिर आईना दिखाए मुझे

Let her try me, if she does not believe. 
If she is a mirror, then let her perceive. 

अजब चिराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँ। मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे। 

I am a strange lamp that's always alit. 
Let a sudden gush of wind now come 'n deceive. 

मैं जिस की आँख का आँसू था उस ने क़द्र न की। 
बिखर गया हूँ तो अब रेत से उठाए मुझे। 

She cared not for me, a tear of her eyes. 
I am spilt on the sand, now pick up to achieve. 

बहुत दिनों से मैं इन पत्थरों में पत्थर हूँ। 
कोई तो आए ज़रा देर को रुलाए मुझे। 

Since long I am a stone among these stones. 
Let someone make me cry and relieve. 

मैं चाहता हूँ कि तुम ही मुझे इजाज़त दो। 
तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे। 

I want that you should permit it be done. 
Let someone embrace and an armlock achieve. 

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