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Thursday, 4 November 2021

हे प्रभु मेरी जुगत सुधारो ... रवि मौन

हे प्रभु मेरी जुगत सुधारो।
भक्त तुम्हारे चरनन का मैं मेरी ओर निहारो।
कब तक युँही उमरिया बीतै भटकूँ मारो मारो। 
शांति मिले चरनाँ में थारै बिरथा टैम बितारो।
भक्त और भगवान मिलें तो कुछ भी रहे न न्यारो। 

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