है धूल वक़्त की चेहरे पर थोड़ी सी बहा ले जाएँगी।
ग़म किस से बाँटूँ ये मेरे अपने हैं मुझ को प्यारे हैं।
ख़ुशियाँ हैं चीज़ बाँटने की औरों को ख़ुशी दे पाएँगी।
कल किस ने देखा है यारो जैसा जीना है आज जियो।
हों रातें जितनी अंधियारी फिर सुब्ह नई ले आएँगी ।
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