Monday, 1 November 2021

DR. KHALILUR REHMAN AZMI..

यूँ तो कहने की नहीं बात मगर कहता हूँ।
प्यार का नाम किताबों में लिखा देखा है। जब कभी हाथ बढ़ाया है किसी की जानिब। 
फ़ासला और भी कुछ बढ़ता हुआ देखा है
बूँद भर दे न सका कोई मुहब्बत की शराब। 
यूँ तो मयखाने का मय-ख़ाना लुटा देखा है। 

People don't say it but let me say. 
Love is a name just found in print. 
When ever I tried to reach someone. 
The distance increases without a hint. 
No one spared a drop of love's wine.
Though taverns are robbed of stock and mint. 

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