Saturday, 13 November 2021

GHAZAL.. RAVI MAUN.. AAP AKSAR UDAAS RAHTE HAIN...

आप अक्सर उदास रहते हैं।
जब मेरे आस पास रहते हैं। 

एक बच्चे का दिल अगर टूटा। 
आप भी मकबरे में रहते हैं। 

दश्त हो, शहर हो, जहाँ भी हैं।
तेरी यादों के साथ रहते हैं। 

कैसी पूजा नमाज़ है कैसी ?
दिल में नफ़रत जो पाले रहते हैं। 

ज़िन्दगी में ख़ुशी भी ग़म भी है। 
लोग तो जाने क्या क्या कहते हैं। 

पेड़ के नीचे ठिठुरता बुड्ढा। 
जिनको पाला था कहाँ रहते हैं। 

प्यार बहता सा एक दरिया है। 
आप क्यों ऐसी बात कहते हैं। 

इल्म तो नाम है समंदर का।
 खोज में कितने लोग बहते हैं।

उड़ते पंछी का साया पाया है। 
ज़ख़्म हैं अपने 'मौन' सहते हैं। 

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