Tuesday, 9 November 2021

GHAZAL.. RAVI MAUN.. JAB SE PYAR JAGA JIVAN MEN...

जब से प्यार जगा जीवन में।
उस पल से तुम मेरे मन में 

टुकड़े टुकड़े आसमान है। 
छोड़ो शहर चलो अब वन में। 

मैंने प्यार जता भी डाला। 
तुम हो अब तक किस उलझन में। 

दुनिया को पहचान न पाए। 
धोके खाए जब से जन्मे। 

नाम प्यार से लेकर मेरा। 
मुख देखो अपना दर्पन में। 

जीत तुम्हारी मेरी ही है। 
छोड़ो क्या रखा अनबन में। 

मेरी चाहत की गहराई। 
पाओगे अपने नैनन में। 

तुम ही हो विश्वास हो गया। 
देखा जिस को कभी सपन में। 

मन बेचारा, रहा हमारा।
'मौन' सदा तेरे बंधन में। 

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