Monday, 22 November 2021

PARVEEN SHAKIR.... 32.. COUPLETS

अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ।
इक ज़रा शे'र कहूँ और मैं क्या क्या देखूँ

My disgrace and your fame to see. 
Compose a couplet, then what to see ? 

कलरात जो ईंधन के लिए कट के गिरा है 
चिड़ियों को बड़ा प्यार था उस बूढ़े शजर से।

What was chopped down for fuel last night. 
Sparrows loved that old tree with delight. 

बस ये हुआ कि उसने तकल्लुफ़ से बात की। 
और हमने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए। 

He used etiquette when we talked 'n met.
I cried and cried till scarves got wet. 

शाम भी हो गई धुँधला गईं आँखें भी मिरी।
भूलने वाले मैं कब तक तिरा रस्ता देखूँ ?

My eyes are misty, it's eve' what was day.
O fogetter ! How long should I look your way ?

कमाल - ए-ज़ब्त को, ख़ुद भी तो आज़माऊँगी।
मैं अपने हाथ से उसकी दुल्हन सजाऊँगी। 
Tolerance limit I 'll try on myself.
I' ll decorate his bride, all myself.

बिछड़ा जो एक बार तो मिलते नहीं देखा। इस ज़ख़्म को हमने कभी सिलते नहीं देखा। 

Meeting one who has parted, wasn't seen. 
This wound getting stitched, I  haven't seen. 

किस तरह मिरी रूह हरी कर गया आख़िर ?
वो ज़हर जिसे जिस्म में खिलते नहीं देखा। 

Well, how then could it paint my soul green?
This poison, blossoming in body, wasn't seen. 

काँटों से घिरे फूल को चूम आएगी लेकिन। 
तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा। 

Kissing flowers surrounded by thorns was seen. 
But butterfly wings getting scratched hasn't been.

यक-लख़्त गिरा है तो जड़ें तक निकल आईं। 
जिस पेड़ को आँधी में भी हिलते नहीं देखा। 

Suddenly it fell, even roots got exposed. 
Shaking even in storm, this tree wasn't seen. 

दुश्मनों के साथ, मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं। 
देखना है, खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन   ? 

Along with foes, my friends are also free. 
Who aims the first arrow, I just want to see. 

मेरा सर हाज़िर है लेकिन मेरा मुंसिफ़ देख ले। 
कर रहा है मेरे फ़र्द-ए-जुर्म को तहरीर कौन ? 

My head is on offer, but let the judge see. 
To turn into culprit, who has provoked me? 

वो मुझ को छोड़ के, जिस आदमी के पास गया। 
बराबरी का भी होता, तो सब्र आ जाता। 

He had left me, for someone else, as a sequel. 
I could have patience, had he been my equal. 

हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ। 
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं । 

To understand beauty, needs a life time dear. 
Liking for a while,  girl's don't come clear. 

वो तो ख़ुशबू है, हवाओं में बिखर जाएगा 
मसअला फूल का है, फूल किधर जाएगा? 

He is fragrance, along with the wind 'll spread. 
Trouble is with flower, where' ll it go instead ? 

चलने का हौसला नहीं, रुकना मुहाल कर दिया। 
इश्क़ के इस सफ़र ने तो, मुझ को निढाल कर दिया। 

There's no courage to walk, difficult is even rest. 
This love journey is very tiring, at its best. 

वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी। इंतिज़ार उसका मगर कुछ सोच कर करते रहे। 

That evening too, he won't come, I knew. 
But I kept waiting with some thoughts, new. 

इक नाम क्या लिखा तिरा साहिल की रेत पर। 
फिर उम्र भर हवा से मिरी दुश्मनी रही। 

I had just written your name on the sands of shore.
 Life long enmity with the winds was in store. 

इतने घने बादल के पीछे। 
कितना तन्हा होगा चाँद। 

Covered by dense cloud zone. 
Moon must be feeling alone. 

मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगी। वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा। 

I 'll be defeated while speaking the fact. 
He 'll tell a lie, get silence, a tact. 

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी। 
दिल को ख़ुशी कै साथ साथ होता रहा मलाल भी। 

The wind was a little chill, your thoughts were there still. 
The heart was so pleased, but bearing pain on frill. 

उस के ही बाज़ुओं में और उस को ही सोचते रहे। 
जिस्म की ख़्वाहिशों पे थे रूह के और जाल भी। 

Confined in his arms and thinking about him. 
There were nets of soul over body's will. 

शाम की ना-समझ हवा, पूछ रही है इक पता। 
मौज-ए-हवा-ए-कू-ए-यार कुछ तो मिरा ख़याल भी। 

लड़कियों के दुख अजब होते हैं सुख उस से अजीब। 
हँस रही हैं और काजल भीगता है साथ-साथ। 

Strange are the griefs of girls and joys even more. 
The koel  keeps wet,even when laughing to the core. 

मिलते हुए दिलों के बीच और था फ़ासला कोई। 
उस ने मगर बिछड़ते वक़्त और सवाल कर दिया। 

The meeting hearts parted on another matter. 
While parting, he raised just another matter. 

ख़ुशबू बता रही है कि वो रास्ते में है। 
मौज-ए-हवा के हाथ में उसका सुराग़ है। 

Fragrance is telling me that he is on this way. 
His is the hint on  gusts of wind, their sway. 

अब तो इस राह से वो शख़्स गुज़रता भी नहीं। 
अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई ? 
Now he doesn't pass this way anymore. 
With what hope should I look through door? 

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने। 
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की। 

How to say that he has set me aside. 
It's true but there's infamy inside. 

नींद पर जाल से पड़ने लगे आवाज़ों के। 
और फिर होने लगी तेरी सदा आहिस्ता। 

Sleep is being covered by voice ambush. 
Slowly your voice subsided in the bush. 

मैं उस की दस्तरस में हूँ, मगर वो। 
मुझे मेरी रज़ा से चाहता है। 

Yes, I am within his reach, but still. 
He wants me out of my own will. 

मैं बर्ग बर्ग उस को नुमू बख़्शती रही। 
वो शाख़ शाख़ मेरी जड़ें काटता रहा। 

I helped him leaf-wise for his growth. 
He chopped my branches 'n roots, both. 

बोझ उठाती हुई फिरती है हमारा अब तक। 
ऐ ज़मीं माँ ! तिरी ये उम्र तो आराम की थी

You are even now bearing our load at your best. 
O mother earth! It was your age for some rest. 

राय पहले से बना ली तू ने। 
दिल में अब हम तिरे क्या घर करते ? 

You have formed a  view beforehand. 
How in your heart, could I then land ? 

काँच उठती हूँ मैं ये सोच के तन्हाई  में ! 
मेरे चेहरे से तिरा नाम न पढ़ ले कोई ? 

 I am terrified to think, in solitude  to interlink. 
Someone reading my face, your name may not trace. 

तेरे तोहफ़े तो सब अच्छे हैं मगर मौज-ए-बहार। 
अब के मेरे लिए ख़ुशबू-ए-हिना आई हो। 

O wave of spring ! Your gifts are all very well. 
But this time for me, be it Henna's smell ! 

 









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