तुझे देख कर गर्वित छाती।
नज़र न लगे दुश्मनों की भी।
नज़र न लगे परिजनों की भी।
बुद्धि और बल दोनों बढ़ें।
इक दूजे की होड़ में चढ़ें।
पूर्ण कामनाएँ हों तेरी।
जन्म दिवस पर आशिश मेरी।
तुझ में हम देखें संसार।
हम सब का है नेह अपार।
हरि हर विधि हों तेरे साथ।
रखें कृपा तुझ पर रघुनाथ।
......... रवि 'मौन' ........
No comments:
Post a Comment