Monday, 6 December 2021

IFTIKHAR AARIF...16..... COUPLETS

मिट्टी की मोहब्बत में हम आशुफ़्ता-सरों ने
वो क़र्ज़ उतारे हैं कि वाजिब भी नहीं थे।

We the distressed people, in love of land as clue. 
Paid those debts which were not even due. 

वफ़ा की ख़ैर मनाता हूँ बे-वफ़ाई में भी। 
मैं उसकी क़ैद में हूँ क़ैद से रिहाई में भी। 

Even when he is faithless, virtue of loyalty sees no reason
I am within his grip, even when released from prison. 

दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में। 
सो ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम। 

While I was a child, prayers were memorised as drill. 
So I continue getting wounded and praying for goodwill. 

ख़ुद को बिखरते देखते हैं और कुछ नहीं करते हैं।
 फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं। 

Watching the self getting shattered, unable to do a thing. 
Even then these humans, to godliness just cling. 

दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है। 
पहले आग लगाता है फिर पानी करता है। 
 A new foolishness daily, so crazy is my heart ! 
First it sets on fire, then waters down the part. 

तुझ से बिछड़ कर ज़िंदा हैं। 
जान बहुत शर्मिंदा हैं। 

Even after separation, I am alive. 
O love, I am ashamed to survive. 

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है। 
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है। 

I want to scatter just like a dream. 
I want to die, loneliness is Supreme. 


वही चिराग़ बुझा जिस की लौ क़यामत थी। 
उसी पे ज़र्ब पड़ी जो शजर पुराना था। 

That lamp was extinguished which gave marked glow. 
An established tree was targeted for the blow.

वही फ़िराक़ की बातें वही हिकायत-ए-वस्ल।
नई किताब का एक इक वरक़ पुराना था।

Same talks of separation, tales of union, look !
Each and every page was old in new book. 

रास आने लगी दुनिया, तो कहा दिल ने कि जा।
अब तुझे दर्द की दौलत नहीं मिलने वाली। 
When I started liking world, the heart said "go".
The wealth of pain on your column won't show. 

बुलंद हाथों में ज़ंजीर डाल देते हैं। 
अजीब रस्म चली है दुआ न माँगे कोई। 

In bold hands, chains are cast to say.
Strange is the custom : none should pray. 

तमाम ख़ाना-ब-दोशों में मुश्तरिक है ये बात। 
सब अपने अपने घरों को पलट के देखते हैं। 

It's common to all gypsies who roam. 
Each one looks back on his home. 

हमीं में रहते हैं वो लोग भी कि जिनके सबब। 
ज़मीं बुलंद हुई आसमाँ के होते हुए। 

Those amongst us, who gave it a fair try. 
The earth rose high even when there was sky. 

अज़ाब ये भी किसी और पर नहीं आया। 
कि एक उम्र चले और घर नहीं आया। 

This calamity did on none else fall. 
Walked life long, didn't touch home wall. 

ख़ाक में दौलत-ए-पिंदार-ओ-अना मिलती है। 
अपनी मिट्टी से बिछड़ने की सज़ा मिलती है। 

A wealth of pride and ego goes in sand. 
It is punishment of parting with the land. 

पयम्बरों से ज़मीनें वफ़ा नहीं करतीं। 
हम ऐसे कौन ख़ुदा थे कि अपने घर रहते।

Messengers aren't treated as priority at earth. 
I was no God to make home stay worth. 

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