Wednesday, 1 December 2021

SHAKEB JALAALI....... 20 COUPLETS

आज भी शायद कोई फूलों का तोहफ़ा भेज दे 

तितलियाँ मंडला रही हैं काँच के गुल-दान पर

May be someone sends flowers now as a gift. 
On glass flower vase, butterflies buzz swift. 


बद-क़िस्मती को ये भी गवारा न हो सका 
हम जिस पे मर मिटे वो हमारा न हो सका

Even this was not acceptable to my fate. 
Whom I liked with life,couldn't be mine O mate. 

तू ने कहा न था कि मैं कश्ती पे बोझ हूँ 
आँखों को अब न ढाँप मुझे डूबते भी देख 

You had said I was sinking the ship down. 
Don't cover your eyes, now watch me drown. 1

I am a load on ship, you had so told. 
Now don't cover eyes, my drowning behold. 

ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे ?

तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है। 

(In rhyme of other couplets) 

Where can this cloud piece shower? 

Thirst of whole desert is seen. 


जाती है धूप उजले परों को समेट के। 

ज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के। 

Sunlight is leaving, folding it's bright wings. 

I 'll count on bed my wounds, those things. 


यूँ तो सारा चमन हमारा है

फूल जितने भी हैं पराए हैं


In view, whole garden is ours. 

Someone else owns all flowers


क्या कहूँ दीदा-ए-तर ये तो मिरा चेहरा है 

संग कट जाते हैं पानी की जहाँ धार गिरे। 


What to say O tear eyed, it's my face on score. 

Even stones get dented with persistent pour. 


मुझे गिरना है तो मैं अपने ही क़दमों पे गिरूँ। 

जिस तरह साया-ए-दीवार पे दीवार गिरे। 


Why not on my feet, if I have to fall. 

As a wall falls on the shadow of wall. 


मल्बूस ख़ुश-नुमा हैं मगर जिस्म खोखले 

छिलके सजे हों जैसे फलों की दुकान पर


Adorable clothes but on hollow bodies pop. 

Like skins decorated within a fruit shop. 


जहाँ तलक भी ये सहरा दिखाई देता है 

मिरी तरह से अकेला दिखाई देता है 


As far as this desert is seen. 

It is lonely as I have been. 


उतर के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ 

ज़मीं पे पाँव धरा तो ज़मीन चलने लगी


I left ship but the journey was on groove. 

When I stepped on land, land was on move


आ के पत्थर तो मिरे सेहन में दो-चार गिरे 

जितने उस पेड़ के फल थे पस-ए-दीवार गिरे


In my courtyard too, some stones 'd fall. 

All fruits of that tree fell behind the wall. 


न इतनी तेज़ चले सर-फिरी हवा से कहो 

शजर पे एक ही पत्ता दिखाई देता है। 

(In rhyme of ghazal....) 

Don't blow off the top O wind. 

To fall last leaf is keen. 


जो मोतियों की तलब ने कभी उदास किया 

तो हम भी राह से कंकर समेट लाए बहुत


When desire of pearls saddened me still. 

I picked many pebbles en route at will. 


आलम में जिस की धूम थी उस शाहकार पर 

दीमक ने जो लिखे कभी वो तब्सिरे भी देख


The masterpiece which in world, gained fame. 

Look also at reviews by termites in name. 


फ़सील-ए-जिस्म पे ताज़ा लहू के छींटे हैं 

हुदूद-ए-वक़्त से आगे निकल गया है कोई


Fresh blood stains on body boundary are seen. 

He has crossed where time limits had been. 


गले मिला न कभी चाँद बख़्त ऐसा था 

हरा-भरा बदन अपना दरख़्त ऐसा था


Fate was such, embracing moon didn't strike. 

My full bloomed body and the tree were alike


लोग देते रहे क्या क्या न दिलासा मुझको 

ज़ख़्म गहरा ही सही ज़ख़्म है भर जाएगा 


People kept consoling me this or that way. 

The wound 'll heal, however deep it may. 


सोचो तो सिलवटों से भरी है तमाम रूह। 

देखो तो इक शिकन भी नहीं है लिबास में 


If you think, full of wrinkles and crinky is the soul. 

Nothing looks uneven on the dress as a whole. 


लोग दुश्मन हुए उसी के 'शकेब'  । 

काम जिस मेहरबान से निकला। 


O 'Shakeb' , to him did people malign. 

One who helped do job, was benign. 

 

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