Wednesday, 12 January 2022

KHUMAR BARAHBANKVI.. GHAZAL.... MAUJON SE NA TOOFANON SE ALLAH BACHAYE....

मौजों से न तूफ़ानों से अल्लाह बचाए।
कश्ती के निगहबानों से अल्लाह बचाए। 

From waves or tempest, don't save O God !
From caretakers of the boat, save O God !

याद आएँ तो उड़ जाएँ कई रातों की नींदें। भूले हुए इंसानों से अल्लाह बचाए।

Sleep of many nights get memory swept. 
From the forgotten humans, save O God !

तारीख़ के औराक़ पे लिक्खा है लहू से। 
इंसानों को इंसानों से अल्लाह बचाए। 

On pages of history are blood- writ.
From humans to humans, save O God !

मैख़ाने के बाहर के मनाज़िर अरे तौबा ! 
आबाद बयाबानों से अल्लाह बचाए। 

The views outside of tavern, Lord. 
From inhabited deserts, save O God ! 


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