Tuesday, 25 January 2022

PUNDIT CHAKBAST.. GHAZAL.. AGAR DARDE MOHABBAT SE NA INSAAN AASHNAA HOTAA

अगर दर्द-ए-मुहब्बत से न इंसाँ आश्ना होता।
न मरने का सितम होता न जीने का मज़ा होता। 

If with pain of love, man wasn't aware. 
Neither grief of death nor joy of life was there. 

  हज़ारों जान देते हैं बुतों की बे-वफ़ाई पर।
अगर इनमें से कोई बा-वफ़ा होता तो क्या होता ?

Thousands die for infidel lovely dames. 
If one was faithful, would the future spare ?

हविस जीने की है यूँ उम्र के बेकार कटने पर। 
जो हमसे आदमी का हक़ अदा होता तो क्या होता ?

Why crave for a life just going waste  ?
If we added meaning to life, what 'd be there ? 

ये माना बे-हिजाबाना निगाहें क़हर करती हैं। 
मगर हुस्न-ए-हया परवर का आलम दूसरा होता। 

 Though shameless eyes are killers indeed. 
But a shameful beauty was a lovely affair. 

 ज़बाँ के ज़ोर पर हंगामा-आराई से क्या हासिल ? 
वतन में एक दिल होता मगर दर्द आश्ना होता। 

What good is creating havoc by use of tongue ? 
One heart in nation, but would for pain care. 

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