Tuesday, 25 January 2022

SOME COUPLETS.....110.......

गर्द उड़ी आशिक़ की तुर्बत से तो झुँझला कर कहा।
वाह ! सर चढ़ने लगी पाँवों की ठुकराई हुई।

When dust from lover's grave, reached height sighed a naive.
Then beloved cried in heat, why be there you crushed by feet ! 

जो देखते तिरी ज़ंजीर - ए-ज़ुल्फ़ का आलम। 
असीर होने की आज़ाद आरज़ू करते। 
............ हैदर अली आतिश

If beauty of chains of your tress was seen. 
Those released would long to have captives been. 

तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो। 
ये दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो।........ जौन एलिया........ 

Let me celebrate partition if you so allow. 
Let this heart have some fun if you so allow. 

तुम मोहब्बत को खेल कहते हो। 
हम ने बरबाद ज़िन्दगी कर ली। 
............... बशीर बद्र........... 

You label love as a game. 
I spoilt my life and name. 

यहाँ किसी को भी कुछ हस्ब-ए-आरज़ू न मिला। 
किसी को हम न मिले और हम को तू न मिला।......... ज़फ़र इक़बाल........... 

None could get as per desire, as you can clearly see. 
I wasn't possessed by her, you weren't possessed by me

बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी। 
वो मेरे पास रहा और मुझे कभी न मिला। 
.......... बशीर बद्र......... 

The distance of nearness is very strange. 
He was with me but always out of range. 

इक रात दिलजलों को ये ऐश-ए-विसाल दे। 
फिर चाहे आसमान जहन्नुम में डाल दे। 
........... जलाल लखनवी.......... 

For a night let heartburnts have pleasure of meet. 
Then sky may drop them in hell's darkest street. 

कुछ कह के उसने फिर मुझे दीवाना कर दिया। 
इतनी सी बात थी जिसे अफ़साना कर दिया।....... वहीद इलाहाबादी........ 

She said something and I, a lunatic became. 
It was a little thing but story gained fame. 

कोई ज़मीन है न कोई आसमान है। 
हर शख़्स अपनी ज़ात में इक दास्तान है। 
........ करामत अली करामत......... 

If someone is earth, the other is sky. 
Each person is himself a tale so high. 

मुस्कुराते हुए मिलता हूँ किसी से जो 'ज़फ़र'। 
साफ़ पहचान लिया जाता हूँ रोया हूँ मैं। 
............ ज़फ़र इक़बाल........... 

When ever I smile and meet someone. 
It's clear to him, I have wept, no fun. 

मेरी उम्मीद का सूरज कि तेरी आस का चाँद। 
दिए तमाम। हीरुख़ पर हवा के रक्खे थे। 
......... ज़फ़र मुरादाबादी.......... 

 Whether a sun of my hope or moon of your desire. 
All lamps were in the line of wind for fire. 

तू कहानी ई के पर्दे में भली लगती है। 
ज़िन्दगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती। 
........... अख़्तर सईद ख़ान........... 

You look good only on the screen of a tale. 
It's hard to look at reality of life, I fail. 

मेरी आँखों में उतरने वाले।
 डूब जाना तिरी आदत तो नहीं। 
......... परवीन फ़ना सैयाद............ 

You, who dived deep within my eyes. 
Is it your habit of sinking with sighs. 

हम ने काँटों को भी नर्मी से छुआ है अक्सर। 
लोग बेदर्द हैं फूलों को मसल देते हैं। 
.......... बिस्मिल सईदी............ 

Often even for thorns, I had a gentle touch. 
People are cruel, crushing flowers as such. 

ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं। 
तूने मुझको खो दिया मैंने तुझे खोया नहीं।........ मुनीर नियाज़ी......... 

Your imprints weren't washed with rain of grief. 
You have lost me but I still retain your belief. 

अश'आर मेरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं। 
कुछ शे'र फ़क़त उनको सुनाने के लिए हैं।
............ कैफ़ी आज़मी........ 

In general, my couplets are for world as a whole. 
Some couplets for her ears have specific role. 

ऐ अश्क न कर ज़ुल्म ज़रा देर ठहर जा। इक शख़्स अभी मेरी निगाहों में बसा है। 
........ एहतमाम सादिक़......... 

O tear ! Don't be cuel, just wait for a while. 
One person occupies my eyes with style. 

तकलीफ़ मिट गई मगर अहसास रह गया। 
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया।...... अब्दुल हमीद अदम......... 

Some feeling remains though grief is gone. 
I am happy that something is there to moan. 

कभी तो दैर-ओ-हरम से तू आएगा वापस। 
मैं मय-कदे में तिरा इंतिज़ार कर लूँगा। 
........ अब्दुल हमीद अदम......... 

From temple'n mosque, one day you will be back. 
I shall wait for you in  the tavern, keep track. 

आँखों से पिलाते रहो साग़र में न डालो। 
अब हम से कोई जाम उठाया नहीं जाता। 
.......... अब्दुल हमीद अदम.......... 

Serve with your eyes, in glass don't pour. 
I can not lift any glass any more. 

वो दिल ले के ख़ुश हैं मुझे ये ख़ुशी है। 
कि पास उन के रहता हूँ मैं दूर रह कर। 
.......... जलील मानकपुरी......... 

He has had my heart, it gives me pleasure. 
From a distance I have her company's treasure. 

अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ। 
अब मैं अक्सर मैं नहीं होता तुम हो जाता हूँ।.......... अनवर शऊर............. 

For nothing, while sitting, I lose every clue. 
Quite often I am not I, but become you. 

आने में उस के हाल हुआ जाए है तग़ईर। 
क्या हाल होगा पास से जब यार जाएगा? 
............... मीर तक़ी मीर............ 

On her arrival such is the state of my mind. 
When my love departs, 'll I face chaos of a kind ? 

क्यों तूने आख़िर आख़िर उस वक़्त मुँह दिखाया। 
दी जान ' मीर'ने जो हसरत से इक निगह कर। 

Why at such last time did you show your face ? 
' Mir' saw you with a wish, then parted with grace. 

पहुँचा न उस  की दाद को मजलिस में कोई रात। 
मारा बहुत पतंग ने सर शम'अदान पर। 
.......... मीर तक़ी मीर..... 

None on any night, praised it's efforts ahead. 
Fire moth on the lantern, also banged it's head. 

गुल की जफ़ा भी देखी, देखी वफ़ा-ए-बुलबुल। 
इक मुश्त पर पड़े हैं गुलशन में जा-ए- बुलबुल।......... मीर तक़ी मीर.......... 

Watched infidel flower and faithful nightingale. 
Scattered in the garden are wings of nightingale. 

नहीं दैर अगर  'मीर' काबा तो है। 
हमारा क्या कोई ख़ुदा ही नहीं ? 
.......... मीर तक़ी मीर.......... 

'Mir' if no temple, there's Kaaba instead. 
Have I no God, before whom bang head ? 

इक निगह कर के उसने मोल लिया। 
बिक गए आह हम भी क्या सस्ते ! 
............ मीर तक़ी मीर........... 

She purchased me with  just one glance. 
Alas ! I was sold  against a
 little finance. 

बगूले किस तरह उठते हैं उठ कर फैल जाते हैं। 
ये कह कह कर उड़ाई ख़ाक उसने मेरी तुर्बत की।........... नूह नारवी......... 

Said"dust storms thus rise and spread on their way. "
With wind, the dust of my grave, she let go astray. 

ये सब नाआश्ना-ए-लज़्ज़त - ए-परवाज़ हैं शायद। 
असीरों में अभी तक शिकवा-ए-सैयाद रहता है।........ असग़र गौंडवी......... 

They are probably unaware of the pleasure to fly. 
Captives still lament on the captor, but why ? 

कल बहुत नाज़ाँ उरूज़-ए-बख़्त पर सैयाद था। 
बात इतनी थी कि मैं था क़ैद वो आज़ाद था।......... साक़िब लखनवी......... 

Yesterday my captor was very proud of his fate. 
Only he was free and I was in prison O mate. 

मैं तो था मजबूर रहने पर कि था पाबंद-ए-इश्क़। 
कोई पूछे बाग़ में क्या काम था सैयाद का ?......... साक़िब लखनवी............ 

I was in love with garden, so I had to stay. 
What was captor doing in garden, let him say. 

 यहाँ कोताही-ए-ज़ौक़-ए-अलम है ख़ुद गिरफ़्तारी। 
जहाँ बाज़ू सिमटते हैं वहाँ सैयाद होता है।........ असग़र गौंडवी.......... 

When desire to work recedes, you do not resent. 
When arms are by side, for the captor is a present. 

मेरे सैयाद की तालीम की है धूम गुलशन में। 
यहाँ जो आज फँसता है वो कल सैयाद होता है।..... अकबर इलाहाबादी....... 

The training of my captor is famous so to say. 
Who is captured today, becomes captor in a day. 

ये क्या मज़ाक़ फ़रिश्तों को आज सूझा है। 
ख़ुदा के सामने ले आए हैं पिला के मुझे। 
......... रियाज़ ख़ैराबादी.......... 

  What a joke do the angels have in their mind  ? 
Before God, I am presented as  drunk of a kind. 

  जिन को पीने का तरीका न सलीक़ा मालूम। 
जा के कौसर में यकायक वो पिएँगे कैसे? 

Those who learnt here no method or manner to drink. 
How at heavenly wine stream will they suddenly drink ? 

यहाँ फ़साना-ए-दैर-ओ-हरम नहीं 'असग़र'। 
ये मय-कदा है यहाँ बे-ख़ुदी का आलम है।........ असग़र गौंडवी........... 

In temple and mosque, O 'Asghar' there is rift. 
It's tavern and every one here is adrift. 

सदसाला दौर-ए-चर्ख़ था साग़र का एक दौर। 
निकले जो मय-कदे से तो दुनिया बदल गई। 

Equal to a century of skies, was one drink round. 
When I left the tavern, a new world was found. 

पीता नहीं शराब कभी बेवज़ू किए ।
क़ालिब में मेरे रूह किसी पारसा की है ।
........ आबरू........ 

I don't start drinking without ablution before. 
The soul in my body is angelic and pure. 

दिन में चर्चे ख़ुल्द के शब में मय-ए-कौसर के ख़्वाब। 
हम हरम में आ रहे मय-ख़ाना वीराँ देख कर।....... रियाज़ ख़ैराबादी......... 

Talk of heaven in day at wine stream in night dream. 
Seeing  tavern deserted, I went to mosque on scheme. 

नाज़ुक मामला है बहुत ख़ू-ए-दोस्त का। 
देख उसको और अपनी नज़र से बचा के देख।...... माहिरुलक़ादरी.............. 

The habit of my friend is a matter so delicate.
Spare yourself from view, then let your eyes sate. 

तेरी रफ़्तार से एक बेख़बरी निकले है। 
मस्त-ओ-मदहोश कोई जैसे परी निकले है।.............मसहफ़ी............... 

An unawareness spreads from your speed. 
Carefree, intoxicated as a fairy of the creed. 

नर्मी-ओ-आहिस्तगी से पाँव रखने की अदा। 
सीख लें शबनम के क़तरे आप की रफ़्तार से।............ जोश मलीहाबादी............

Placing gently and slowly, your feet with a style. 
Let dew drops learn from you all the while. 

 ख़ुदा जाने करेगा चाक किस किस के गरेबाँ को।
अदा से उन का चलने में वो दामन उठा लेना।........... जुरअत............… 

God knows, in tatters will be whose dress. 
Her moving in style, with a  hem-up - dress ! 

अच्छे हुए ज़माने के बीमार सैकड़ों। 
दिल वो मरीज़ है जो अभी ज़ेर-ए-ग़ौर है। 
............. आसी उल्दनी............ 

Hundreds of diseased are now fit and smart. 
Patient under observation, is still the heart. 

ज़िक्र उनके लब का था फूल पर नज़र गई। 
पंखुड़ी गुलाब की रश्क से बिखर गई ।

We were talking about  her lips, O those ! 
With envy, withered the petals of rose. 

ज़ाहिद को डेढ़ ईंट की मस्जिद पे ये ग़ुरूर। 
वो भी ख़ुदा के फ़ज़्ल से घर का मकाँ नहीं। 

Why about this little mosque is the priest so proud ?
For God's sake it's not his own, I can say it loud. 

 बस इतना फ़र्क़ है इंसान में और उसकी तुर्बत में ।
वो है इक ढेर मिट्टी का ये है तस्वीर मिट्टी की ।............. मंजूर............. 

In man 'n his grave, one difference comes to a boil.
That is a heap of soil, this is a sketch of soil. 

लुत्फ़ - ए-मय तुझ से क्या कहूँ ज़ाहिद? 
हाय कम्बख़्त तूने पी ही नहीं।.... दाग़.. 

How to tell you the pleasure of drink O priest ? 
O I'll fated ! You could have it at least. 

 क़दम रखना संभल कर महफ़िल - ए-रिंदाँ में ऐ वाइज़। 
यहाँ पगड़ी उछलतीहै, इसे मय-ख़ाना कहते हैं। 

It's group of drunks, O priest step with care, dear. 
It is a wine house and turbans are tossed over here. 

बोतल खुली जो हज़रत-ए-वाइज़ के सामने। 
मारे ख़ुशी के काग भी दो ग़ज़ उछल गई 

When a bottle was opened in front of protest. 
With pleasure, cork jumped yards, at least. 

शिद्दत-ए-तिश्नगी में भी ग़ैरत-ए-मैकशी रही। 
उसनेनज़र जो फेर ली मैंने भी जाम रख दिया।........ अहमद फ़राज़.......... Even when thirst was in pink, I maintained decorum of drink. 
When she turned her eyes off my face, I set aside the cup of drink. 

कब लौटा है बहता पानी, बिछड़ा साजन, रूठा दोस्त। 
हमने उसको अपना जाना, जब तक हाथ में दामन था।..... इब्न-ए-इंशा........ 

As long asI held her hem, she was mine I had so known. 
They don't turn, water that flowed, a lover or friend bygone

जो बाल आ जाए शीशे में तोशीशा तोड़ देते हैं। 
जिसे छोड़ें उसे हम उम्र भर को छोड़ देते हैं।........ जावेद अख़्तर......... 

When there's a crack in the mirror, I simply drop. 
When I leave, it's for life and then full stop. 

तिरे अब्रू-ए-पैबस्ता का आलम में फ़साना है। 
किसी उस्ताद शायर का ये बैत-ए-आशिक़ाना है।.... आतिश...... 

In this universe, your eyebrows are simply telling a unique tale. 
Said by a master ghazal poet, it's a couplet set to trail. 

हम जिस के हो गए वो हमारा न हो सका ।यूँ भी हुआ हिसाब बराबर कभी-कभी। 
........ आल-ए-अहमद  सुरूर........ 

I was his but he could not be mine. 
At times we were equal this way, fine. 

प्यारो रहो न दश्त में बारिश के मुंतज़िर। 
मारो ज़मीं पे पाँव कि पानी निकल पड़े। 
........... इक़बाल साजिद........... 

Wait not for rain in desert, O thirsty dear ! 
Hit this ground hard for water to appear. 

दिल से रुख़सत हुई कोई उम्मीद। 
गिरिया यूँ बे-सबब नहीं होता। 
......... मीर तक़ी मीर......... 

Some desire has parted from heart. 
A cry always needs some start. 

ऐ दिल तमाम नफ़ा है सौदा-ए-इश्क़ में। 
इक जान का ज़ियाँ है सो ऐसा ज़ियाँ नहीं। 

In the trade of love, it's all gain O heart ! 
Only life is at risk, with which we can part. 

अपनेमन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़िन्दगी।
तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन।........... इक़बाल........... 

Delve deep within yourself 'n find secrets of life unknown. 
Well, you may not be mine, but at least be your own. 

ज़िन्दगी की हक़ीक़त आह न पूछ। 
मौत की वादियों में इक आवाज़। 
.......... साग़र निज़ामी ............ 

Don't ask me the truth of life in a breath. 
It is a sound in the valleys of death. 

आसान नहीं इस दुनिया में ख़्वाबों के सहारे जी लेना। 
संगीन हक़ीक़त है दुनिया ये कोई सुनहरा ख़्वाब नहीं। 

It's not easy in this world to live by dreams alone. 
Love is not a golden dream, but a reality in stone. 

उसी लम्हे को शायर यास की तक्मील कहते हैं। 
मोहब्बत जब मिजाज़-ए-आशिक़ पर बार हो जाए। 

Poets label that moment as the peak of despair. 
When love burdens mood of lover without care. 

बर्बाद न कर ज़ालिम ठोकर से मज़ारों को। 
ये शहर-ए-ख़मोशाँ है मर मर के बसाया है। 

Do not hit the graves with boots, it is said. 
This silent city is inhabited by the dead. 

दूर है मंज़िल कामतलब कुछ नहीं। 
बस इरादों की कमी का नाम है। 

There is nothing like "goal is far". 
Determination isn't at par. 

 ये ज़िन्दगी औ' मौत का इतना है फ़लसफ़ा। 
इक साँस आई आस बँधी रुक गई कि बस ।

This is the philosophy of life and death. 
Breath brings hope, none without breath. 

मेरा प्याला मुझे ख़ाली ही थमा कर बोले ।ज़िन्दगी प्यास है फिर पीना पिलाना कैसा? 

Giving back my empty cup said"think". 
When life is thirst, then why drink ? 

आख़िर दुआ करें भी तो किस मुद्दआ के साथ। 
कैसे ज़मीं की बात करें आसमाँ से हम ? 

Which issue in prayer can be raised so high ? 
How to talk about matters of earth with sky ? 

न ख़िज़ाँ में है कोई तीरगी न बहार में कोई ताज़गी। 
ये नज़र नज़र के चिराग़ हैं कहीं जल गए कहीं बुझ गए। 

Autumn isn't all that dry, there's nothing fresh in spring.
 These are lamps of vision, put on or off for a thing. 

साक़ी-औ'-वाइज़ में ज़िद है बादाकश चक्कर में है। 
तौबा लब पर और लब डूबा हुआ साग़र में है। 

There's tussle in priest and barmaid, the drunkard is in fix
Penitence is on lips and lips are dipped in a drink mix. 

फ़क़ीर-ए-शहर के तन पर लिबास बाक़ी है। 
अमीर-ए-शहर के अरमाँ अभी कहाँ निकले ?......... साहिर......... 

Some clothes on city poor still exist. 
Unfulfilled desires of the rich persist. 

उड़ गए मेरी उम्मीदों की तरह हर्फ़ मगर ।
आज तक तेरे ख़तों से तिरी ख़ुशबू न गई 

 It's words and my hopes have faded with time. 
But your letters retain your smell of the prime. 

 दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत यारब
मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं। 

My friends should also get wealth of pain. 
O God ! Why this bounty should I retain ? 

तर्क-ए-तआल्लुकात पे रोया न तू न मैं। 
लेकिन ये क्या कि चैन से सोया न तू न मैं।....... ख़ालिद अंसारी........... 

Renouncing our relationship, neither you cried nor I. 
But how is it that peacefully, neither you slept nor I. 

 जिस पर हमारी आँखों ने मोती पिरोए रात भर। 
भेजावही काग़ज़ उन्हें हमने लिखा कुछ भी नहीं।..... बशीर बद्र...... 

The paper on which my eyes arranged pearls all through the night. 
Sent it simply blank to her, on it I just did not write. 

तेरी जुस्तजू की धुन में मैं पहुँच गया वहाँ तक। 
जहाँ दूसरा अभी तक कोई नक़्श-ए- पा नहीं है। 

On your pursuit, I have reached that place. 
Where no foot had ever left it's trace. 

तू बचाए लाख दामन मेरा फिर भी है ये दावा। 
तेरे दिल में मैं ही मैं हूँ कोई दूसरा नहीं है। 

 You may try to evade, but I still hold the claim. 
In your heart, it's only mine and O other face. 

बनाने वाले शायद तेरा कोई ख़ास मक़सद था। 
मिरी फूटी हुई तक़दीर से, टूटे हुए दिल से।......... हफ़ीज़ जालंधरी....... 

Well perhaps there was something in your mind. 
Crafting my broken heart, shattered fate of the kind. 

किसने देख हैं तिरी रूह के रिसते हुए ज़ख़्म। 
कौन उतरा हैतिरे क़ल्ब की गहराई में। 
........ रईस अमरोहवी... .... .... 

 Who has seen all the seeping wounds of your soul ? 
Who has descended depth of your heart as a whole ? 

जोश-ए-सरमस्ती में वो मौज-ए-सबा की छेड़छाड़। 
वो तेरे आरिज़ पे एक हल्के तबस्सुम की शिकन।...... मुइन अहसन जज़्बी....... 

In a flow of frenzy, tickled by wave of breeze. 
On your cheeks has appeared a smiling crease. 

है तकल्लुफ़ नक़ाब वे रुख़सार। 
क्या छुपें आफ़ताब हैं दोनों।.... मीर..... 

Those cheeks, veil can not conceal. 
It's formal, suns are bound to reveal. 

आरिज़-ए-गुलगूँ पे उन के रंग सा एक आ गया। 
उन गुलों को छेड़ कर मैंने गुलिस्ताँ कर दिया।.... असग़र गौंडवी......... 

On those flowery cheeks appeared a colour shade. 
I teased those flowers and a garden was made. 

 न जिया तेरी चश्म का मारा। 
न तेरी ज़ुल्फ़ का बँधा छूटा।.... सौदा..... 

Neither could one struck by your eyes survive. 
Nor could one bound by your tress freely revive. 

ज़ाहिद ने मेरा हासिल-ए-ईमाँ नहीं देखा। 
रुख़ पर तेरे ज़ुल्फ़ों को परीशाँ नहीं देखा। 
......... असग़र गौंडवी.......... 

My summary of religion, the priest hasn't seen. 
Troubled tress on your cheeks, he hasn't seen. 

बिखेर दे जो वो ज़ुल्फ़ों को अपने मुखड़े पर। 
तो मारे शर्म के आई हुई घटा फिर जाए। 
........... मुसहफ़ी............. 

If she spreads those tresses on her face. 
Out of shame, rain clouds have to retrace. 

बिखर रहे हैं अभी से हयात के अजज़ा। 
अभी तो दोश पे वो काकुल-ए-दराज़ नहीं।.. अली अख़्तर अख़्तर अलीगढ़ी... 

 Scattered are elements of life right now. 
On shoulders no tress is there any how. 

मैं सोचता हूँ ज़माने का हाल क्या होगा ? 
अगर वो उलझी हुई ज़ुल्फ़ तूने सुलझाई। 
......... अहमद राही............. 

What 'll happen to world, how 'll  I express ? 
If you could ease out that entangled tress. 

एक न एक ज़ुल्मत से जब वाबस्ता रहना है तो ' जोश'। 
ज़िन्दगी पर साया-ए-ज़ुल्फ़-ए-परीशाँ क्यों न हो ?...... जोश मलीहाबादी......... 

O  'Josh' with some darkness, if you have to be in touch. 
Why not shade of her scattered tress be there as such ? 

मोअत्तर है उसी कूचे की सूरत अपना सहरा भी। 
कहाँ खोले हैं गेसू यार ने ख़ुशबू कहाँ तक है ?...... शफ़क़ अमादपुरी......... 

My desert is fragrant just like her lane. 
Where are spread her hair 'n fragrant strain ? 

नसीम-ए-सुब्ह बू-ए-गुल से क्या इतराती फिरती है। 
ज़रा सूँघे शमीम-ए-ज़ुल्फ़ ख़ुशबू इसको कहते हैं।..... अकबर इलाहाबादी...... 

Loaded with flower smell the breeze, doesn't find herself at ease. 
Let her smell that fragrant tress and then fragrance express ! 

चोरी कहीं खुले न नसीम-ए-बहार की। 
ख़ुशबू उड़ा के लाई है गेसू-ए-यार की।
...... आग़ा हश्र कश्मीरी........ 

Let not be out in open theft by spring breeze. 
The fragrance of my lover's tress is on lease. 

अभी शबाब है कर लूँ ख़ताएँ जी भर के। 
फिर इस मोक़ाम पे उम्र-ए-रवाँ मिले न मिले।.... आनंद नारायण मुल्ला...... 

It is time of youth, let me just
 commit sins galore. 
At this stage, I may not get age going any more. 

ख़याल और किसी का अगर नहीं न सही।
तुझे तो चैन से तेरा शबाब रहने दे। 
.....  ... उमीद उमैठवी.......... 

If you do not care for anyone else, well let it be so. 
At least your youth, should on you, some peace bestow. 

मुँह फेर कर यूँ गई जवानी। 
याद आ गया रूठना किसी का। 
........ जलाल मानिकपुरी ........ 

Youth left me simply turning her face. 
It reminded how lover switched the grace. 

अहद-ए-जवानी रो रो काटा पीरी में ली आँखें मूँद। 
यानी रात बहुत रोए थे सुब्ह हुई आराम किया।.... मीर तक़ी मीर........ 

Time of youth was spent crying, closed my eyes in old age. 
I had wept all through night then took rest in morning cage. 

 शबाब मिट चुका याद-ए-शबाब बाक़ी है। है बू शराब की साग़र में अब शराब नहीं। 
........... अख़्तर शीरानी............ 

The youth is gone, only memory is retained. 
There's no wine in jug, only smell remained. 

कर अहद-ए-गुज़श्ता को शरीक-ए-ग़म-ए-इमरोज़। 
ख़ाकिस्तर-ए-माज़ी से कुछ उठता है धुँआ भी।.....  फ़िराक़ गोरखपुरी......... 

Mingle grief of today with the past to choke. 
From  ashes of past, comes out some smoke. 



























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