तुम्हारा नाम भी आएगा इस फ़साने में।
...... कैफ़ी आज़मी.....
I hesitate reciting this heart tale.
Your name will blow in this gale.
अर्ज़-ओ-समा कहाँ तिरी वुसअत को पा सके।
मेरा ही दिल है वो कि जहाँ तू समा सके।
....... ख्वाजा मीर दर्द......
Earth and sky couldn't reach your stretch.
You ! It's only my heart that can fetch.
बहुत दिनों से है दिल अपना ख़ाली ख़ाली सा।
ख़ुशी नहीं तो उदासी से भर गए होते।
.......... बशीर बद्र........
My heart is vacant since many days.
If not joy, grief could get inlays.
अपनी बुलंदियों से गिरूँ भी तो किस तरह।
फैली हुई फ़िज़ाओं में बिखरा हुआ हूँ मैं।
....... अफ़ज़ल मिनहास......
How can I fall from my heights here ?
I am scattered in vast atmosphere.
मंज़िल न मिली कश्मकश-ए-अहल-ए-नज़र में।
इस भीड़ में मैं अपनी नज़र ले के चला हूँ।...... सालिक लखनवी......
Goal wasn't reached in tussle of first glance.
In this crowd, I maintain my own stance.
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