डूबने से पहले गहराई का अंदाज़ा लगा।
........ अर्श सिद्दीक़ी......
Well dive in the ocean but think of coming out.
Before sinking in, know it's depth about.
किसी माशूक़ का आशिक़ से ख़फ़ा हो जाना।
रूह का जिस्म से गोया है जुदा हो जाना
......... अहसान मारहरवी..........
When a beloved gets angry with her lover.
It is as if soul is leaving it's body cover.
जाने किस ख़्वाब - ए-परेशाँ का है चक्कर सारा।
बिखरा बिखरा हुआ लगता है मिरा घर सारा।..... कौसर मज़हरी........
I know not which battered dream is about there.
My house is scattered to seam out there.
अहल-ए-दिल के वास्ते पैग़ाम हो कर रह गया।
ज़िन्दगी महरूमियों का नाम हो कर रह गया।....... गणेश बिहारी तर्ज़........
It simply was a message for benevolent heart.
Life and helplessness became integral part.
इज़ाला हो गया ताख़ीर से निकलने का।
गुज़र गई है सफ़र में मिरे क़याम की शाम।........ मज़हर फ़राग़.........
It was an end to my delayed start.
My stay was engulfed by journey part.
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