बशीर बद्र के शेर
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो।
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए। **
Let the glow of your memories be ever with me.
Who knows, which lane marks the eve'of life.
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की*
- Neither saw to content nor talked with intent.
- The desire was strong, to meet you for long.
- दिल वो पूजा की थाली है जिस में ज़िन्दगी फूल रखना भूल गई।
- और आँखें वो ताक़-ए-मस्जिद हैं जिनमें अब रौशनी नहीं होती। *
- मिरे बदन में हवा की कोई अलामत है।
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है*
- O life ! You gave me space lesser than the grave, so small.
- When I stretch my feet, the head bangs against the wall.
- यूँ कोई बे-वफ़ा नही होता। *
- Some compulsions must have been there to blame. Why for no reason, will one faithlessness claim ?
- बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता। *
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों *
Be enemies to full extent, but keep some space.
If later we be chums, shouldn't be ashamed to face.
- यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे
People here, don't value the man, but his dress.
Give me less wine, in glass bigger to impress.
- मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला
Don't mix love 'n exhibited friendship, so fake.
If you can not embrace, let hands not shake.
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
- I am a traveller and so are you.
- At some crossing, we 'll meet too.
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा
- टैग्ज़ : इश्क़और 1 अन्य
इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है
- टैग्ज़ : ग़मऔर 2 अन्य
पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उस ने मुझे छू कर नहीं देखा
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
What I am in sleepy space, on my eyes lips you place.
I 'll be sure about the state, under eye heart does pulsate.
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है
- टैग्ज़ : घमंडऔर 2 अन्य
दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो क़दम
तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे
- टैग्ज़ : दुशमनीऔर 1 अन्य
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में
- टैग : फ़साद
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते
- टैग : बचपन
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला
- टैग्ज़ : इंसानऔर 1 अन्य
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा
- टैग्ज़ : इश्क़और 2 अन्य
वो चेहरा किताबी रहा सामने
बड़ी ख़ूबसूरत पढ़ाई हुई
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
भला हम मिले भी तो क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले
न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिजक गई
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना
हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है
- टैग्ज़ : दरियाऔर 2 अन्य
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
- टैग्ज़ : दुनियाऔर 2 अन्य
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा
- टैग्ज़ : रोमांटिकऔर 1 अन्य
सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत
- टैग्ज़ : अम्नऔर 3 अन्य
इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं
तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं
- टैग्ज़ : आदमीऔर 1 अन्य
अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है
रहे सामने और दिखाई न दे
- टैग्ज़ : एहसासऔर 1 अन्य
मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है
बेवफ़ाई कभी कभी करना
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें
उदास होने का कोई सबब नहीं होता
- टैग्ज़ : आँखऔर 1 अन्य
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है
कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है
- टैग्ज़ : ज़िंदगीऔर 2 अन्य
न तुम होश में हो न हम होश में हैं
चलो मय-कदे में वहीं बात होगी
- टैग्ज़ : नशाऔर 1 अन्य
बहुत दिनों से मिरे साथ थी मगर कल शाम
मुझे पता चला वो कितनी ख़ूबसूरत है
- टैग्ज़ : महबूबऔर 1 अन्य
एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला
जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं
- टैग्ज़ : औरतऔर 1 अन्य
जी बहुत चाहता है सच बोलें
क्या करें हौसला नहीं होता
- टैग : सच
कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए
- टैग्ज़ : आसमानऔर 2 अन्य
महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से
ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है
- टैग्ज़ : इश्क़और 3 अन्य
दिल की बस्ती पुरानी दिल्ली है
जो भी गुज़रा है उस ने लूटा है
- टैग्ज़ : दिलऔर 1 अन्य
न उदास हो न मलाल कर किसी बात का न ख़याल कर
कई साल ब'अद मिले हैं हम तेरे नाम आज की शाम है
- टैग्ज़: दोस्तऔर 2 अन्य
काग़ज़ में दब के मर गए कीड़े किताब के
दीवाना बे-पढ़े-लिखे मशहूर हो गया
- टैग: किताब
शबनम के आँसू फूल पर ये तो वही क़िस्सा हुआ
आँखें मिरी भीगी हुई चेहरा तिरा उतरा हुआ
- टैग्ज़: आँखऔर 3 अन्य
कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा
मुझे मालूम है क़िस्मत का लिक्खा भी बदलता है
- टैग: क़िस्मत
जिस दिन से चला हूँ मिरी मंज़िल पे नज़र है
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा
- टैग: मंज़िल
रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर
उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा
- टैग: मौत
उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है
- टैग्ज़: इश्क़और 2 अन्य
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे
मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है
- टैग्ज़: इश्क़और 1 अन्य
मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूँगा
तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी
- टैग्ज़: इश्क़और 2 अन्य
उस की आँखों को ग़ौर से देखो
मंदिरों में चराग़ जलते हैं
- टैग: आँख
मैं बोलता हूँ तो इल्ज़ाम है बग़ावत का
मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है
- टैग: बेकसी
चाँद सा मिस्रा अकेला है मिरे काग़ज़ पर
छत पे आ जाओ मिरा शेर मुकम्मल कर दो
- टैग: महबूब
बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला
- टैग: फ़ासला
मैं चाहता हूँ कि तुम ही मुझे इजाज़त दो
तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे
- टैग्ज़: इजाज़तऔर 2 अन्य
तिरी आरज़ू तिरी जुस्तुजू में भटक रहा था गली गली
मिरी दास्ताँ तिरी ज़ुल्फ़ है जो बिखर बिखर के सँवर गई
- टैग्ज़: आरज़ूऔर 1 अन्य
तुम अभी शहर में क्या नए आए हो
रुक गए राह में हादसा देख कर
- टैग्ज़: फ़सादऔर 1 अन्य
मैं तमाम दिन का थका हुआ तू तमाम शब का जगा हुआ
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ
- टैग: शाम
ये एक पेड़ है आ इस से मिल के रो लें हम
यहाँ से तेरे मिरे रास्ते बदलते हैं
- टैग: विदाई
वो जिन के ज़िक्र से रगों में दौड़ती थीं बिजलियाँ
उन्हीं का हाथ हम ने छू के देखा कितना सर्द है
- टैग: मौत
मुख़ालिफ़त से मिरी शख़्सियत सँवरती है
मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूँ
- टैग: दुश्मन
अजीब रात थी कल तुम भी आ के लौट गए
जब आ गए थे तो पल भर ठहर गए होते
- टैग्ज़: इश्क़और 1 अन्य
सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं को लाए थे
इक हम ही ऐसे थे कि हमारा ख़ुदा न था
- टैग: ख़ुदा
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है
तुम्हारे बा'द ये मौसम बहुत सताएगा
- टैग्ज़: विदाईऔर 1 अन्य
मोहब्बत अदावत वफ़ा बे-रुख़ी
किराए के घर थे बदलते रहे
- टैग्ज़: दुशमनीऔर 2 अन्य
लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुश्बू अज़ान दे
जी चाहता है मैं तिरी आवाज़ चूम लूँ
- टैग्ज़: आवाज़और 1 अन्य
कितनी सच्चाई से मुझ से ज़िंदगी ने कह दिया
तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा
- टैग: ज़िंदगी
फिर याद बहुत आएगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा
- टैग्ज़: ज़ुल्फ़और 1 अन्य
मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी
कोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए
- टैग्ज़: आहटऔर 3 अन्य
दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे
उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे
- टैग: दुआ
उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं
ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं
- टैग्ज़: आँखऔर 1 अन्य
यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैं
अब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते
- टैग: दर्द
कभी तो शाम ढले अपने घर गए होते
किसी की आँख में रह कर सँवर गए होते
- टैग्ज़: घरऔर 1 अन्य
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की
- टैग: मुसाफ़िर
मुझे मालूम है उस का ठिकाना फिर कहाँ होगा
परिंदा आसमाँ छूने में जब नाकाम हो जाए
- टैग: परिंदा
वो इत्र-दान सा लहजा मिरे बुज़ुर्गों का
रची-बसी हुई उर्दू ज़बान की ख़ुश्बू
- टैग: उर्दू
किसी ने चूम के आँखों को ये दुआ दी थी
ज़मीन तेरी ख़ुदा मोतियों से नम कर दे
- टैग्ज़: आँखऔर 1 अन्य
वो बड़ा रहीम ओ करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करे
तुझे भूलने की दुआ करूँ तो मिरी दुआ में असर न हो
- टैग: दुआ
हयात आज भी कनीज़ है हुज़ूर-ए-जब्र में
जो ज़िंदगी को जीत ले वो ज़िंदगी का मर्द है
- टैग: ज़िंदगी
ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है
कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे
- टैग: फ़ेमस शायरी
वो अब वहाँ है जहाँ रास्ते नहीं जाते
मैं जिस के साथ यहाँ पिछले साल आया था
- टैग: श्रद्धांजलि
दिल उजड़ी हुई एक सराए की तरह है
अब लोग यहाँ रात जगाने नहीं आते
- टैग: दिल
कमरे वीराँ आँगन ख़ाली फिर ये कैसी आवाज़ें
शायद मेरे दिल की धड़कन चुनी है इन दीवारों में
- टैग: दिल
यूँ तरस खा के न पूछो अहवाल
तीर सीने पे लगा हो जैसे
- टैग: तीर
सुना के कोई कहानी हमें सुलाती थी
दुआओं जैसी बड़े पान-दान की ख़ुशबू
- टैग: पान
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