Saturday, 12 February 2022

REKHTA..TODAY'S 5 COUPLETS

जो तेरे इंतिज़ार में गुज़रे।
बस वही इंतिज़ार के दिन थे। 
......... ताहिर अज़ीम.......

The days spent waiting for you. 
Were  days when waiting was due.

गिरफ़्त-दिल हैं बहुत आज तेरे दीवाने।
ख़ुदा करे कोई तेरे सिवा न पहचाने। 
......... नासिर काज़मी........

Your lunatics today are very sad at heart. 
None but you recognise, may God so chart !

भूक चेहरे पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे। 
बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबार बच्चे। 
.......... बेदिल हैदरी...........

Children lovely as moon, with hunger etched on face. 
Sell balloons in streets, on move from place to place. 

जो सुख के उजाले में था परछाईं हमारी। 
अब दुख के अंधेरे में वो साया नहीं देखा। 
................ यशपाल गुप्ता.............

Who used to accompany as shadow in the glow of joy. 
In darkness of grief, can't see the shadow of that boy. 

सुनते हैं इश्क़ नाम के गुज़रे हैं इक बुज़ुर्ग। हम लोग भी फ़क़ीर उसी सिलसिले के हैं।....... फ़िराक़ गोरखपुरी.........  

It's said an old man named love died long ago. 
It's that sequence of saints, we also follow. 

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