हैसियत क्या मिरी इकाई की ?
Grandeurs have Godly frame !
Does my status have a claim ?
मेरे होंटों के फूल सूख गए।
तुम ने क्या मुझसे बे-वफ़ाई की !
Flowers of my lips dried out.
When faithless you became !
सब मिरे हाथ पाँव लफ़्ज़ो के।
और आँखें भी रोशनाई की।
My limbs are made of words.
Eyes too have ink, to frame.
मैं ही मुल्जिम हूँ, मैं ही मुंसिफ़ हूँ ।
कोई सूरत नहीं रिहाई की।
I am culprit, judge as well.
No way can freedom claim.
इक बरस ज़िन्दगी का बीत गया।
तह जमी एक और काई की।
One year of life is spent.
One more mossy layer to claim.
अब तरसते रहो ग़ज़ल के लिए।
तुम ने लफ़्ज़ों से बे-वफ़ाई की।
Now long to compose a ghazal.
With words, faithless you became.
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