Tuesday, 22 March 2022

BASHIR BADR.... GHAZAL.. KAUN AAYA RASTE AAIINA-KHANE HO GAYE......

कौन आया, रास्ते आईना - ख़ाने हो गए।
रात रौशन हो गई दिन भी सुहाने हो गए। 

Who came, that house of mirrors was the route.
Well lit is night, days pleasantly cute.

क्यों हवेली के उजड़ने का मुझे अफ़सोस हो ?
सैकड़ों बेघर परिन्दों के ठिकाने हो गए ।

 Why should I grieve for shattered mansion ?
It's home to hundreds of birds uproot. 

जाओ इन कमरों के आईने उठा कर फेंक दो। 
बे-अदब ये कह रहे हैं, हम पुराने हो गए।

Go and throw mirrors from these rooms. 
These uncivilized say, "we are old to suit !" 

ये भी मुमकिन है कि मैंने उसको पहचाना नहीं। 
अब उसे देखे हुए कितने ज़माने हो गए। 

It's possible, I have failed to recognise her. 
Much time has distanced us  en route. 

मेरी पलकों पर ये आँसू प्यार की तौहीन थे। 
उनकी पलकों से गिरे मोती के दाने हो गए। 

Love insult, were tears on my eyelashes. 
Falling from her eyes, were pearls, so cute. 

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