Friday, 18 March 2022

चाहे राम कहो या कृष्ण कहो, मतलब तो उसी भगवान से है।........ भजन

चाहे राम कहो या कृष्ण कहो मतलब तो उसी भगवान से है ।.........

यमुना के तट पर वस्त्र हरण, माखन चोरी, गौ संग विचरण।
निश्छल मन से राधिका रमण, मुरली की सुमधुर तान से है।
चाहे राम कहो या कृष्ण कहो, मतलब तो उसी भगवान से है ।

वन वन भटकें दशरथ नंदन, श्री हर करते जिनका वंदन।
कण्टकमय पथ, रघुकुल चंदन, भार्या के अनुसंधान से है।
चाहे राम कहो या कृष्ण कहो, मतलब तो उसी भगवान से है ।

बालकपन से रिपुदल भंजन, ऋषि पत्नी को जब किया नमन। 
तज शिला-रूप कर हरि वंदन, यह कथा अहिल्या- मान से है। 
चाहे राम कहो या कृष्ण कहो, मतलब तो उसी भगवान से है ।

हाथों के कंगन पहचानूँ,  कैसे संभव है मैं जानूँ ? 
मैं तो  पद - नख को ही मानूँ, परिचित नूपुर गुंजान से है ।
चाहे राम कहो या कृष्ण कहो, मतलब तो उसी भगवान से है ।

जब कृष्ण करें गोकुल से गमन, राधा से अंतिम बार मिलन। 
मुरली तज देवकी- नंदन बन, अब कंस-दण्ड अभियान से है। 
चाहे राम कहो या कृष्ण कहो, मतलब तो उसी भगवान से है ।


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