Thursday, 24 March 2022

MUNEER NIAZI KE ASHAAR..........

आ गई याद शाम ढलते ही
बुझ गया दिल चराग़ जलते ही  

As evening waned, the memories raided.
 As lamp was alit, heart 
light got faded. 


ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे
सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे 

He was  in my thought, I met him in thought.
 I had asked a question, answer question brought. 

नींद का हल्का गुलाबी सा ख़ुमार आँखों में था
यूँ लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं 

Intoxicated, light rosy eyes, in sleepy sight
It appears, he has not slept well, last night. 

आदत ही बना ली है तुम ने तो 'मुनीर' अपनी
जिस शहर में भी रहना उकताए हुए रहना 

O 'Muneer'! You 've crafted a habit of your own. 
Any city you dwell in, a tired look is shown. 

हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने
इक ख़्वाब हैं जहाँ में बिखर जाएँ हम तो क्या

 what's my status before world to show 
Am a dream, if scattered, none 'd know. 

कुछ वक़्त चाहते थे कि सोचें तिरे लिए
तू ने वो वक़्त हम को ज़माने नहीं दिया 

I wanted some time to think about you. 
O world ! That time wasn't given by you. 

ख़्वाब होते हैं देखने के लिए
उन में जा कर मगर रहा न करो 

Dreams are there to see. 
Don't stay in these, O thee. 


ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर दूर जाने की बहुत
शौक़ लेकिन दिल में वापस लौट कर आने का था 

There are desires to go very far and roam. 
But heart, always longed to get back home. 

वो जिस को मैं समझता रहा कामयाब दिन
वो दिन था मेरी उम्र का सब से ख़राब दिन 

The day which I thought was  successful day. 
When pondered, it turned out
life's worst day. 

जानते थे दोनों हम उस को निभा सकते नहीं
उस ने वादा कर लिया मैं ने भी वादा कर लिया

Both of us knew, it would always be due. 
She promised and I said, "same to you". 

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