Tuesday, 1 March 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 COUPLETS..

हक़ीक़तों में ज़माने बहुत गुज़ार चुके।
कोई कहानी सुनाओ बड़ा अंधेरा है। 
......... बशीर बद्र........

Lot of time has gone for truth to seep. 
Narrate some tale,darkness is deep.

हमें रंजिश नहीं दरिया से कोई। 
सलामत गर रहे सहरा हमारा। 
...... सिराज फ़ैसल ख़ान....... 

 We aren't estranged with the sea. 
If safety of desert is there to be. 

कल जहाँ दीवार ही दीवार थी। 
अब वहाँ दर है, जबीं है, इश्क़ है। 
........... तौक़ीर तक़ी............ 

Yesterday, there were walls and walls alone. 
Now, there's love, door, that's forehead- prone. 

कितने दिल थे जो हो गये पत्थर। 
कितने पत्थर थे जो सनम ठहरे। 
........... शायर लखनवी........... 

There were hearts that turned to stone. 
While many stones were idol - prone. 

मैं लफ़्ज़ लफ़्ज़ में तुझको तलाश करता हूँ। 
सवाल में नहीं आता, न आ, जवाब में आ।......... करामत अली करामत....... 

Word for word, I am in search for you. 
If not in query, in answer come to view. 


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